अत-तीन
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अत-तीन इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ क़ुरआन का 95वाँ सूरा (अध्याय) है जिसमें 8 आयतें होती हैं।
95:1- इन्जीर और ज़ैतून की क़सम।
95:2- और तूर सीनीन की।
95:3- और उस अमन वाले शहर (मक्का) की।
95:4- कि हमने इन्सान बहुत अच्छे कैड़े का पैदा किया।
95:5- फिर हमने उसे (बूढ़ा करके रफ्ता रफ्ता) पस्त से पस्त हालत की तरफ फेर दिया।
95:6- मगर जो लोग ईमान लाए और अच्छे (अच्छे) काम करते रहे उनके लिए तो बे इन्तेहा अज्र व सवाब है।
95:7- तो (ऐ रसूल) इन दलीलों के बाद तुमको (रोज़े) जज़ा के बारे में कौन झुठला सकता है।
95:8- क्या ख़ुदा सबसे बड़ा हाकिम नहीं है (हाँ ज़रूर है)।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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