अपुनर्
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अपुनर् (अव्य.) [न. त.]
- फिर नहीं, एक ही बार, सदा के लिए।
सम.-अन्वय (विशेषण) न लौटने वाला, मृत,-आदानम् (नपुं.) फिर न लेना, वापिस न लेना-आवृत्तिः (स्त्रीलिंग) फिर न लौटना, परम गति,-प्राप्य (विशेषण) जो फिर प्राप्त न हो सके,-भवः (पुल्लिंग) 1. जो फिर उत्पन्न न हो (रोगादिक भी), 2. मोक्ष या परमगति।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 71 |
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