अल्प
हिन्दी | कम, थोड़ा, तुच्छ, थोड़े दिनो रहने वाला, नाशवान, क्षणिक, एक अर्थालंकार जिसमें चमत्कारी रीति से आधेय की अपेक्षा आधार को बहुत छोटा या सूक्ष्म बताया जाता है।[1], छोटा | ||||||
-व्याकरण | धातु, विशेषण, पुल्लिंग | ||||||
-उदाहरण (शब्द प्रयोग) |
शल्य (पादादि अंग में चुभे काँटे) की पीड़ा को अल्प कर देना या शल्य को अंग में से निकाल डालना, शिरा (नाड़ी) और फोड़े आदि की चीर-फाड़ करना 'कला' है। हकीमों की जर्राही और डॉक्टरों की सर्जरी इसी कला के उदाहरण हैं।[2] | ||||||
-विशेष | बौद्ध दर्शन में वर्णित महायान व हीनयान में 'हीन' शब्द का अर्थ अल्प है, न कि तुच्छ, नीच या अधम आदि, जैसा कि आजकल हिन्दी में प्रचलित है। | ||||||
-विलोम | अनल्प | ||||||
-पर्यायवाची | अकेला दुकेला, (अकेला दुकेली), अनति, अपुष्कल, अप्रचुर, अबहुल, अभूरि, अलीक, आंशिक, इक्का दुक्का, इना गिना (इनी गिनी), इने, गिने, ऊन, ऊनक, एक आध, एक दो, कतिपय, कम, कमति, किंचित, किंचिद, कुछ, कुछ एक, कोतह, गिनती, गिने चुने, घटा [घटी], चद, चार एक, चार पाँच, छिटपुट, छुटपुट, ज़रा, टुट, तनक, तनीक, तनि, तनी, तनु, थोड़ा, दुक्का तिक्का, दो एक, दो चार, नेक, न्यून, परिमित, बिरले, मित, लघु, विथुर, विरल, विहीन, हलका, हीन। | ||||||
संस्कृत | [अल्+प] तुच्छ, महत्त्वहीन, नगण्य (विपरीतार्थक मह्त् या गुरु) [3], छोटा, थोड़ा, सूक्ष्म, जरा सा (विपरीतार्थक बहु)-[4], मरण शील जो थोड़ी देर जीये, कभी-कभी होने वाला, विरल | ||||||
अन्य ग्रंथ | |||||||
संबंधित शब्द | |||||||
संबंधित लेख | |||||||
अन्य भाषाओं मे | |||||||
भाषा | असमिया | उड़िया | उर्दू | कन्नड़ | कश्मीरी | कोंकणी | गुजराती |
शब्द | अलप | अलप, कम | कलील, कम | कम्मि, विरल | कम | अल्प, थोडुं | |
भाषा | डोगरी | तमिल | तेलुगु | नेपाली | पंजाबी | बांग्ला | बोडो |
शब्द | कुरैवान, काजम् | स्वल्पमु, कोंचमु | अलप | अल्प, कम, एकटु | |||
भाषा | मणिपुरी | मराठी | मलयालम | मैथिली | संथाली | सिंधी | अंग्रेज़ी |
शब्द | अल्प, थोडे, लहान, कमी | कुरच्चु, कुरवायि | थोरो, घटि | Small, Little (of amount), Insignificant, Unimportant |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश
अल्प (विशेषण) [अल्+प]
1. तुच्छ, महत्त्वहीन, नगण्य (विप. महत् या गुरु)[5], 2. छोटा, थोड़ा, सूक्ष्म, जरा-सा (विप.बहु)-अल्पस्य हेतोर्बहु हातुमिच्छन्[6], मरणशील जो थोड़ी देर जीवे, 4. कभी-कभी होने वाला, विरल,-ल्पम्,-ल्पेन्,ल्पात् (क्रिया विशेषण) 1. जरा 2. जरा से कारण से,-प्रीतिरल्पेन भिद्यते[7] 3. अनायास, बिना किसी कष्ट या कठिनाई के।
समस्त पद--अल्प (विशेषण) बहुत ही जरा-सा, सूक्ष्मः बोड़ा-थोड़ा करके,-असु=प्राण, -आकांक्षिन् (विशेषण) थोड़ा चाहने वाला, संतुष्ट, थोड़े से ही संतुष्ट,-आयुस् (विशेषण) थोड़ी देर जीने वाला[8], (-यु: पुल्लिंग) 1. छोटी आयु का, बच्चा, 2. बकरी, -आहार,-आहारिन् (विशेषण) मिताहारी, खाने में औसत दर्जे का (-रः) परिमितता, भोजन में संयम-इतर (विशेषण) 1. जो छोटा न हो, बड़ा 2. जो कम न हो, बहुत, जैसे °राः कल्पनाः, नाना प्रकार के विचार,-ऊन (विशेषण) ईषद्दोषी, अधूरा,-उपायः (पुल्लिंग) छोटे साधन,-गंघ (विशेषण) थोड़ी गंध वाला (-धम्) लाल कमल,-चेष्टित (विशेषण) क्रियाशून्य,-छद,-छाद (विशेषण) थोड़े वस्त्र धारण किये हुए[9],-ज्ञ (विशेषण) थोड़ा जानने वाला, उथले ज्ञान वाला, मोटी जानकारी रखने वाला,-तनु (विशेषण) 1. ठिंगना, छोटे कद का 2. दुर्बल, पतला,-दृष्टि (विशेषण) जिसका मन उदार न हो, अदूरदर्शी,-धन (विशेषण) जो धनवान् न हो, धनहीन[10],-धी (विशेषण) दुर्बलमना, मूर्ख,-प्रजस् (विशेषण) थोड़ी संतान वाला, -प्रमाण, प्रमाणक (विशेषण) 1. थोड़े वजन का, थोड़ी माप का, 2. थोड़े प्रमाणों वाला, थोड़े से साक्ष्य पर निर्भर रहने वाला,-प्रयोग (विशेषण) विरलता से प्रयुक्त, कभी-कभी प्रयुक्त,-प्राण,-असु (विशेषण) थोड़ा श्वास रखने वाला, दमे का रोगी (-णः) 1. थोड़ा श्वास लेना, दुर्बल श्वास 2 (व्याकरण में) वर्णमाला के महा प्राणताहीन अक्षर-उदाहरण स्वर, अर्धस्वर, अनुनासिक तथा क् च् ट् त् प् ग् ज् ड् द् ब् अक्षर;-बल (विशेषण) दुर्बल, बलहीन, कम शक्ति रखने वाला,-बुद्धि,-मति (विशेषण) दुर्बलबुद्धि, मूर्ख, अज्ञानी[11],-भाषिन् (विशेषण) वाक्-कृपण, थोड़ा बोलने वाला,-मध्यम (विशेषण) पतली कमर वाला, -मात्रम् (विशेषण) थोड़ा-सा, जरा-सा,-मूर्ति (विशेषण) छोटे कद का, ठिंगना (-र्तिः-स्त्रीलिंग) छोटी आकृति या वस्तु,-मूल्य (विशेषण) थोड़ी कीमत का सस्ता,-मेघस् (विशेषण) थोड़ी समझ का, अज्ञानी, मूर्ख,-वयस् (विशेषण) थोड़ी आयु का कमसिन,-वादिन् (विशेषण) अल्पभाषी,-विद्य (विशेषण) अज्ञानी, अशिक्षित,-विषय (विशेषण) सीमित परास या धारिता से युक्त,-इवचाल्पविषया मति:[12],-शक्ति (विशेषण) कमजोर, दुर्बल,-सरस् (नपुंसक लिंग) पोखर, छोटा जोहड़ ( जो गर्मियों में सूख जाता है)।[13]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काव्यशास्त्र
- ↑ चौंसठ कलाएँ
- ↑ मनुस्मृति 11/36
- ↑ अल्पस्य हेतोर्बहु हातुमिच्छन्-रघुवंश 2/47,1, 2
- ↑ मनुस्मृति 11/36
- ↑ रघुवंश 2/47, 1, 2
- ↑ रामायण
- ↑ मेघदूत 4-157
- ↑ मृच्छ. 1/37
- ↑ मनुस्मृति 3/66, 11/40
- ↑ मनुस्मृति]] 12/74
- ↑ रघुवंश 1/2
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 112 |