असु:

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असुः (पुल्लिंग) [अस्+उन्]

1. श्वास, प्राण, आध्यात्मिक जीवन

2. मृतात्माओं का जीवन

3. (ब.ब.) शरीर में रहने वाले पाँच प्राण-असुभिः स्थास्नु यशश्चिचीषतः[1], (नपुंसक लिंग-सु) शोक, दुःख।


समस्त पद-धारणम् (नपुंसक लिंग)-णा (स्त्रीलिंग) जीवन धारण, जीवन, अस्तित्व,-भंगः (पुल्लिंग)

1. जीवन का नाश, जीवहानि
2. जीवन का भय या आशंका,-भृत् (पुल्लिंग) जीवित जन्तु, प्राणी,-सम. (विशेषण) प्राणों के समान प्यारा -मः (पुल्लिंग)) पति, प्रेमी।[2]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -कि. 2/19
  2. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 140 |

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