नपुंसक लिंग

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नपुंसक लिंग (नपुंसक लिङ्ग) से तात्पर्य उन शब्दों से होता है, जो ना तो स्त्री जाति की श्रेणी में आते हैं और ना ही पुरुष जाति की श्रेणी में आते हैं। ऐसे शब्द स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं। इन शब्दों को 'नपुंसक लिंग' कहते हैं।

उदाहरण

जैसे- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अफसर, मुख्यमंत्री, विधायक, कलाकार आदि शब्द नपुंसक लिंग के उदाहरण हैं, क्योंकि यह शब्द स्त्री एवं पुरुष के लिए समान रूप से प्रयोग किए जाते हैं। ये शब्द नपुंसक लिंग के उदाहरण हैं।

नियम

नपुंसक लिंग ज्ञात करने के प्रमुख नियम इस प्रकार हैं-

  • फलों के नाम भी नपुंसक लिंग में आते हैं, जैसे- आम्रम्, (आम) दाडिमम्, (अनार), कदलीफलम् (केला)।
  • 'त्र' से समाप्त होने वाले शब्द नपुंसक लिंग होते हैं, जैसे- चरित्रम्, छत्रम्, पत्रम् आदि।
  • फूलों के नाम नपुंसक लिंग में होते हैं, जैसे- पुष्पम्, कमलम्।
  • क्रिया विशेषण शब्द नपुंसक लिंग में होते हैं, जैसे- अश्वः शीघ्रं धावति। कच्छपः तीव्रं वदति। रमा मधुरं शतम्, सहस्रम्, लक्षम्, नीलम्, पद्म, शंखम् आदि शब्द नपुंसक लिंग होते हैं।
  • यदि संख्यावाचक शब्द के अन्त में रात्र शब्द हो तो नपुंसक लिंग होता है,जैसे- द्विरात्रम्, पञ्चरात्रम् आदि।
  • निम्नलिखित शब्दों के समानार्थक शब्द नपुंसक लिंग होते हैं, जैसे-

अमङ्गलम् अभद्रम्, अशुभम्।
नयनम् - अक्षि, चक्षुः, नेत्रम्, लोचनम् आदि।
दलम्-पर्णम्, पत्रम्।
जलम् - उदकम्, पयः, पानीयम्, वारि आदि।
भद्रम्-कल्याणम्, मङ्गलम्, शुभम्, सुवर्णम् काञ्चनम्, हेमम्।
नभः - खम्, गगनम्, व्योम।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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