असृज्‌

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असृज् (नपुंसक लिंग) [न सृज्यते इतररागवत् संसृज्यते सहज त्वात्-न+सृज्+क्विन्-तारा.]

1. रुधिर

2. मंगल ग्रह

3. केसर


समस्त पद-करः (असृक्कर) (पुल्लिंग) लसिका,-धारा (असृग्धरा) (स्त्रीलिंग) त्वचा, चमड़ी-धारा (असृग्धारा) (स्त्रीलिंग) 1. रुधिर की धार 2. चमड़ी,-पः-पाः (पुल्लिंग) लोहू पीने वाला राक्षस-पातः (पुल्लिंग) रुधिर का गिरना,-बहा (स्त्रीलिंग) रक्त वाहिका, नाड़ी,-विमोक्षणम् (नपुंसक लिंग) रुधिर का बहना,-श्रा (स्रा) वः (पुल्लिंग) रुधिर का बहना|[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 141 |

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