अहन्‌

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अहन्‌ (नपुंसक लिंग) [न जहाति त्यजति सर्वथा परिवर्तनं, न+हा+कनिन् नञ्‌ तत्पुरुष समास] (कर्तृ. अहः, अही-अहनी, अहानि-अह्ना अहोभ्याम् आदि)

1. दिन (दिन और रात दोनों को मिलाकर)-अधाहानि[1]
2. दिन का समय-सव्यापारामहनि न तथा पीडयेन्मद्वियोगः[2],-यदहा कुरुते पापम्-दिन में, (समस्त पद के अन्त में 'अहं' बदल कर 'अहः-अहम् या अह्न' रह जाता है परन्तु समस्त पद के आदि में यह 'अहस्-या अहर्' बन जाता है, यथा-अहःपति या अहर्पतिः आदि)।


समस्त पद-आगमः (पुल्लिंग) (अहरा°) दिन का आना,-आदिः उषःकाल,-करः सूर्य,-गणः (हर्ग°)

1. यज्ञ के दिनों का सिलसिला
2. महीना,-दिवम् (अव्य.) प्रतिदिन, हर रोज, दिन प्रति दिन, निशम् दिन-रात,-पतिः (पुल्लिंग) सूर्य,-बांधवः (पुल्लिंग) सूर्य,-मणिः (पुल्लिंग) सूर्य, मुखम् दिन का आरंभ प्रभात, उषःकाल-त्रिंशत्कला मुहूर्तः स्यादहोरात्रं तु तावतः[3],-शेषः, (पुल्लिंग)-षम् (नपुंसक लिंग) सायंकाल।[4]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -मनु. 5/84
  2. -मेघ. 90
  3. -मनु. 1/64, 65
  4. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 144 |

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