अहम्
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अहम् (सर्व.) ['अस्मद् शब्द का कर्तृ कारक ए.व. मैं।
समस्त पद-अग्रिका (अहमग्रिका) (स्त्रीलिंग) श्रेष्ठता के लिए होड़, प्रतिद्वन्द्विता,-अहमिका (अहमहमिका) (स्त्रीलिंग)
- 1. होड़, प्रतियोगिता, अपनी श्रेष्ठता का दावा-अहमहमिकया प्रणामलालसानाम्[1]
- 2. अहंकार
- 3. सैनिक अहंमन्यता,-कारः (अहंकार) (पुल्लिंग)
- 1. अभिमान, आत्मश्लाघा, वेदान्त दर्शन में 'आत्मप्रेम' अविद्या या आध्यात्मिक अज्ञान समझा जाता है,[2]
- 2. घमंड, स्वाभिमान, गर्व
- 3. (सां.द. में) सृष्टि के मूलतत्त्व या आठ उत्पादकों में से तीसरा अर्थात् आत्माभिमान या अपनी सत्ता का बोध,-कारिन् (विशेषण) घमंडी, स्वाभिमानी,-कृतिः (स्त्रीलिंग) अहंकार, घमंड,-पूर्व (विशेषण) होड़ में प्रथम रहने का इच्छुक, पूर्विका,-प्रथमिका 1. होड़ के साथ सैनिकों की दौड़, होड़, प्रतियोगिता-जवादहपूर्विकया यियासुभिः[3], 2. डींग मारना, आत्मश्लाघा,-भद्रम् (नपुंसक लिंग) स्वाभिमान, अपनी श्रेष्ठता का दृढ़ विचार-भाव: (पुल्लिंग) 1. घमंड, अहंकार-मति: (स्त्रीलिंग) 1. आत्मरति या स्वानुराग जो आध्यात्मिक अज्ञान समझा जाता है (वेदांत दर्शन), 2. दम्भ, घमंड, अहंकार।
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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