अहि:

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अहि: (पुल्लिंग) [आहन्ति-आ+हन्‌+इण्‌ स च डिन्‌ आङी ह्नस्वश्च]

1. साँप, अजगर-अहय: सविषा: सर्वे निर्विषा: डुंडुमा: स्मृता:[1]

2. सूर्य

3. राहु ग्रह

4. वृत्रासुर

5. धोखेबाज बदमाश

6. बादल


समस्त पद-कांत: (पुल्लिंग) वायु, हवा,-कोष: (पुल्लिंग) साँप की केंचुली-छत्रकम् (नपुंसक लिंग) कुकुरमुत्ता,-जित् (पुल्लिंग) 1. कृष्ण (कालिय नाग को मारने वाला) 2. इंद्र-तुंडिकः (पुल्लिंग) साँप पकड़ने वाला, संपेरा, बाजीगर,-द्विष,-दुहू-मार,-रिपु,-विद्विष् (पुल्लिंग) 1. गरुड़ 2. नेवला 3. मोर 4. इन्द्र 5. कृष्ण[2],-नकुलम् (नपुंसक लिंग) साँप और नेवले-नकुलिका (स्त्रीलिंग) साँप की केंचुली,-पतिः (पुल्लिंग) 1. साँपों का स्वामी, वासुकि 2. कोई बड़ा साँप, अजगर साँप-पुत्रकः (पुल्लिंग) साँप के आकार की बनी किश्ती,-फेनः (पुल्लिंग)-नम् (नपुंसक लिंग) अफीम,-भयम् किसी छिपे हुए साँप का भय, धोखे की शङ्‌ङ्का, अपने-मित्रों की ओर से भय,-भुज् (पुल्लिंग) 1. गरुड़ 2. मोर 3. नेवला-भृत् (पुल्लिंग) शिव।[3]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -कथा. 14/84
  2. -कि. 4/27, शि. 1/31
  3. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 144 |

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