आकाश:-शम्
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आकाशः-शम् [आ-काश्+घञ्]
- 1. आसमान-आकाशभवा सरस्वती[1], °ग, °चारिन् आदि।
- 2. अन्तरिक्ष (पाँचवाँ तत्त्व)
- 3. सूक्ष्म और वायविक द्रव्य जो समस्त विश्व में व्याप्त है, वैशेषिक द्वारा माने हुए 9 द्रव्यों में से एक, यह 'शब्द' गुण का आधार है-शब्दगुणकमाकाशम्-तु.-श्रुतिविषयगुणा या स्थिता व्याप्य विश्वम्[2], अथात्मनः शुब्दगुणं गुणज्ञ:पदम् (नामत:-आकाश) विमानेन विगाहमान:[3]
- 4. मुक्त स्थान
5. स्थान-सपर्वतवनाकाशां पृथिवीम्[4] भवनाकाश-मजायताम्बुराशि:[5] 6. ब्रह्म (अन्तरिक्ष स्वरूप) आकाशस्तल्लिंगात्[6]-यावानयमाकाशस्तावानयमन्तहृदयाकाशः[7]
- 7. प्रकाश, स्वच्छता, 'वायु में' अर्थ को प्रकट करने वाला आकाशे' शब्द नाटकों में प्रयुक्त होता है-जब कि रंगमंच पर स्थित पात्र प्रश्न किसी ऐसे व्यक्ति से पूछता है जो वहाँ उपस्थित न हो, और ऐसे काल्पनिक उत्तर को सुनता है जो 'किं ब्रवीषि,' 'किं कथयसि' आदि शब्दों से आरम्भ होता है-दूरस्थाभाषणं यत्स्यादशरीरनिवेदनम्, परोक्षान्तरितं वाक्यं तदाकाशे निगद्यते ॥[8] निम्नांकित आकाशभाषित की (आकाशे) प्रियंवदे कस्येदमुशीरानुलेपनं, मृणालवन्ति च नलिनीपत्राणि नीयन्ते। (श्रुतिमभिनीय) किं ब्रवीषि[9]
समस्त पद-ईशः (पुल्लिंग)
- 1. इन्द्र
- 2. (विधि में) असहाय व्यक्ति (जैसे कि बच्चा, स्त्री, दरिद्र) जिसके पास वायु के अतिरिक्त और कोई वस्तु नहीं है-कक्षा (स्त्रीलिंग) क्षितिज,-कल्पः (पुल्लिंग) ब्रह्म,-गः (पुल्लिंग) पक्षी (-गा) आकाशस्थित गंगा, कुसुम,-पुष्पम् (नपुंसक लिंग) अनहोनी बात, आसमान का फूल-गङ्गा (पुल्लिंग) दिव्य गंगा-नदत्याकाशगङ्गायाः स्रोतस्युद्वामदिग्गजे[10],-चप्रसः (पुल्लिंग) चन्द्रमा,-जननिन् (पुल्लिंग) झरोखा, प्राचीर में बना तोप का झरोखा, बन्दूक या तोप आदि चलाने के लिए भित्ति में बना छिद्र 1.-दीपः-प्रदीपः (पुल्लिंग) 1. कार्तिक मास में दिवाली के अवसर पर लक्ष्मी या विष्णु का स्वागत करने के लिए हठड़ी पर रक्खा हुआ दीपक 2. बाँस के सिरे पर बाँध कर जलाया जाने वाला दीया या लालटेन, प्रकाश स्तम्भ पर रक्खा हुआ दीया या लैम्प,-भावितम् 1. रंगमंच पर अनुपस्थित व्यक्ति से भाषण करना, एक काल्पनिक भाषण जिसका उत्तर इस प्रकार दिया जाय-मानो यह बात वस्तुतः कही और सुनी गई है-कि ब्रवीपीति यन्नाट्ये विना पात्रं प्रयुज्यते, श्रुत्वेवानुक्तमप्यर्थ तस्यादाकाशभाषितम्-सा.द. 425 2. आकाश में कही बात या शब्द,-मंडलम् (नपुंसक लिंग) खगोल,-यानम् 1. हवाई जहाज, गुब्बारा 2. आकाश में घूमने वाला,रक्षिन् (पुल्लिंग) किले की बाहरी दिवारों की रक्षा करने वाला,-वचनम् (नपुंसक लिंग)°भाषितम्, देखिये -भर्त्मन् (नपुंसक लिंग)।[11]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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