आरएनए
राइबो न्यूक्लिक अम्ल (अंग्रेज़ी: Ribo Nucleic Acid or RNA) एक अकेली बहु न्यूक्लियोटाइड श्रृंखला वाला लम्बा तंतुनुमा अणु है, जिसमें फॉस्फेट और राइबोज़ शर्करा की इकाइयां एकांतर में स्थापित होती हैं। डीएनए की तरह आरएनए में भी राइबोज़ से जुड़े चार क्षारक होते हैं। अंतर केवल इतना है कि इसमें थाइमीन के स्थान पर यूरेसिल होता है।
राईबोन्यूक्लियोटाइड के प्रकार
आरएनए एकल पॉलीराईबोन्यूक्लियोटाइड श्रृंखला का बना होता है। इसमें राईबोन्यूक्लियोसाइड तथा राईबोन्यूक्लियोटाइड होते है। राईबोन्यूक्लियोटाइड चार प्रकार के होते हैं-
- एडीनिलिक अम्ल
- ग्वानिलिक अम्ल
- साईटीडीलिक अम्ल
- युरिडीलिक अम्ल
किसी भी जीवित प्राणी के शरीर में आरएनए भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जितनी डीएनए। आरएनए शरीर में डीएनए के जीन्स को नकल कर व्यापक तौर पर प्रवाहित करने का काम करता है। इसके साथ ही यह कोशिकाओं में अन्य आनुवांशिक सामग्री पहुंचाने में भी सहायक होता है।
खोज तथा कार्य
आरएनए की खोज सेवेरो ओकोआ, रॉबर्ट हॉली और कार्ल वोसे ने की थी। आरएनए के महत्त्वपूर्ण कार्यों में जीन को सुचारू बनाना और उनकी प्रतियां तैयार करना होता है। यह विभिन्न प्रकार के प्रोटीनों को जोड़ने का भी कार्य करता है। इसकी कई किस्में होती हैं, जिनमें रिबोसोमल आरएनए, ट्रांसफर आरएनए और मैसेंजर आरएनए प्रमुख हैं। आरएनए की श्रृंखला फॉस्फेट्स और राइबोस के समूहों से मिलकर बनती है, जिससे इसके चार मूल तत्व, एडेनाइन, साइटोसाइन, गुआनाइन और यूरेसिल जुड़े होते हैं। डीएनए से विपरीत, आरएनए एकल श्रृंखला होती है, जिसकी मदद से यह खुद को कोशिका के संकरे आकार में समाहित कर लेता है।
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