हुसैन इब्न अली अली के पुत्र और मुहम्मद साहब के नाती (दौहित्र) का नाम था। यह क़र्बला में मारे गए थे। इन्हीं के शोक में मुहर्रम मनाया जाता है।[1]
- इमाम हुसैन का जन्म मक्का में हुआ। इनकी माता का नाम फ़ातिमा ज़हरा था |
- हुसैन को इस्लाम में एक शहीद का दर्ज़ा प्राप्त है। शिया मान्यता के अनुसार वे यज़ीद प्रथम के कुकर्मी शासन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए कुफ़ा के निकट क़र्बला की लड़ाई में शहीद कर दिए गए थे। उनकी शहादत के दिन को 'आशूरा' (दसवाँ दिन) कहते हैं और इस शहादत की याद में मुहर्रम (उस महीने का नाम) मनाते हैं।
इन्हें भी देखें: अल्लाह, क़ुरआन, अज़ान, रोज़ा एवं मुहम्मद
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 563, परिशिष्ट 'घ' |