कामरान मुग़ल वंश के संस्थापक बादशाह बाबर (1526-1530 ई.) का दूसरा पुत्र था। बाबर की मृत्यु के बाद कामरान के बड़े भाई हुमायूँ ने उसके साथ बहुत ही उदारता का व्यवहार किया और उसे अफ़गानिस्तान का शासक बना दिया।
- हुमायूँ की उदारता का कामरान के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। वह बड़ा ही कृतघ्न निकला।
- कामरान ने हुमायूँ की कोई भी सहायता उस समय नहीं की, जब वह शेरशाह से युद्ध कर रहा था।
- हुमायूँ जब भारत से भागा तो उस समय भी कामरान ने उसे शरण देने से इंकार कर दिया।
- फ़ारस के तहमस्प शाह की फौजी सहायता से जब हुमायूँ ने कामरान को परास्त किया, तब उसने गद्दी छीनकर कामरान को मार डाला।
- इसके बाद ही हुमायूँ फिर से दिल्ली पर विजय पाने में सफल रहा।
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