कुवन
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कुवन या 'कुण्डल वन' प्राचीन समय में जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के समीप ही स्थित था।[1]
- तिब्बत के इतिहास लेखक डॉ. तारानाथ ने कुवन या कुण्डल वन की स्थिति जालंधर के निकट बताई है।
- कुण्डल वन में कुषाण सम्राट कनिष्क के समय में तीसरी (जबकि कुछ विद्धानों के मत में चौथी) बौद्ध संगीति हुई थी, जिसके पश्चात् बौद्ध धर्म हीनयान तथा महायान नामक दो सम्प्रदायों में विभाजित हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 210 |