कोउ रहीम जहिं काहुके -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कोउ ‘रहीम’ जहिं काहुके, द्वार गए पछीताय ।
संपति के सब जात हैं, बिपति सबै ले जाय ॥

अर्थ

किसी के दरवाजे पर जाकर पधताना नहीं चाहिए। धनी के द्वार तो सभी जाते हैं। यह विपत्ति कहाँ-कहाँ नहीं ले जाती है।


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख