कैसे निबहै निबल जन -रहीम
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कैसे निबहै निबल जन, करि सबलन सों बैर ।
‘रहिमन’ बसि सागर विषे, करत मगर सों बैर ॥
- अर्थ
सहजोर के साथ बैर बिसाहने से कमज़ोर का कैसे निबाह होगा ? सबल दबोच लेगा निर्बल को। समुद्र के किनारे रहकर यह तो मगर से बैर बाँधना हुआ ।
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख