गाँधीसागर बाँध मध्य प्रदेश में नीमच के पास मंदसौर ज़िले में स्थित है। यह प्रदेश का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। चंबल नदी पर बने हुए इस भव्य बाँध की नींव का पत्थर 7 मार्च, 1954 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखा गया था। यह बाँध कोटा नगर से 112 किलोमीटर दूर स्थित राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर बनाई गई जलविद्युत परियोजना का हिस्सा है।[1]
- यह एक चिनाईदार बाँध है, जिसके निर्माण में 1954 से 1960 ई. तक का समय लगा।
- इस बाँध के निर्माण पर लगभग 184 करोड़ रुपया ख़र्च हुआ था।
- गाँधीसागर बाँध 1,684 फुट लंबा, 176 फुट चौड़ा और 209 फुट ऊँचा है।
- बांध के जल भराव की क्षमता 6.28 एम. ए. फुट है। इसके अधिकतम पानी का निकास 11,98,000 क्यूसेक्स है।
- इसकी निरंतर विद्युत क्षमता 48 मेगावाट तथा स्थापित क्षमता 125 मेगावाट है।
- गाँधीसागर बाँध में पाँच क्रियाशील जेनरेटर हैं, जिनमें चार जेनरेटर 23 मेगावाट और एक 27 मेगावाट क्षमता का है। यहाँ से बिजली राजस्थान और मध्य प्रदेश को नवंबर, 1960 से उपलब्ध हो रही है।[2]
- यह बाँध कई प्रकार के प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल है और साथ ही मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
- इस बाँध पर 23 मेगावाट की चार तथा 27 मेगावाट की एक जल विद्युत इकाई स्थापित की गयी हैं।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गाँधीसागर बाँध, नीमच (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 मई, 2014।
- ↑ गाँधीसागर बाँध (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 मई, 2014।
- ↑ भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ (हिन्दी) वाइवेस पेनोरमा। अभिगमन तिथि: 15 नवम्बर, 2014।