चंद्रशेखर रथ
चंद्रशेखर रथ
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पूरा नाम | चंद्रशेखर रथ |
जन्म | 17 अक्तूबर,1929 |
मृत्यु | 9 फरवरी, 2018 |
मृत्यु स्थान | भुवनेश्वर |
कर्म भूमि | उडीसा |
कर्म-क्षेत्र | साहित्य की सभी विधाएँ |
विषय | साहित्य |
भाषा | उड़िया भाषा |
नागरिकता | भारतीय |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
चंद्रशेखर रथ (अंग्रेज़ी: Chandra Sekhar Rath जन्म: 17 अक्तूबर,1929, उडीसा; मृत्यु: 9 फरवरी, 2018, भुवनेश्वर) एक ओडिशा के कथाकार व साहित्यकारों में शामिल हैं। रथ ने अपने लेखन काल के अंतर्गत कई उपन्यास, लघु कथाएँ, निबंध और कविताएं लिखी हैं। साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए रथ को कई पुरस्कार प्राप्त हुए। चंद्रशेखर रथ को 2018 वर्ष में प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त हुआ।
परिचय
चंद्रशेखर रथ का बलांगीर ज़िले के मालपड़ा में 17 अक्तूबर,1929 को जन्म हुआ था।
रचनाएं
यंत्रारुढ़, असूर्य उपनिवेश व नवजातक आदि तीन उपन्यासों की रचना करने के साथ-साथ 16 संक्षिप्त कहानी संकलन, समसामयिक विषयों पर लेखों के बारह संकलन, तीन कविता संकलन, चार अन्य संकलन प्रकाशित हुए हैं। उनके तीन उपन्यास मुख्या थे जो उन्हें ओडिसा अकादमी और सरला पुरस्कार जैसे साहित्यिक पुरस्कार भी प्राप्त हुए है . तिन उपन्यास निन्म है – यंत्ररुद्र ( द इंस्ट्रूमेंटड ) 1967 , असुर्य उपनिवेश ( द सनलेस कॉलोनी ) 1974 , और नव जातक ( रेजेंसिस ) 1981।
पुरस्कार
चंद्रशेखर रथ को 'ओडिशा साहित्य अकादमी', 'शारला पुरस्कार', 'अतिबडी जगन्नाथ दास पुरस्कार' व साहित्य अकादमी पुरस्कार उन्हें प्राप्त हो चुका है। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह 'सबुठारु दीर्घराति' के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गंगाधर रथ फाउण्डेशन द्वारा प्रतिष्ठित साहित्य भारती सम्मान 2011 जाने माने साहित्यकार चन्द्र शेखर रथ को दिया गया। 18 मार्च की शाम को कटक कला विकास केन्द्र में आयोजित एक उत्सव के दौरान श्री रथ को यह सम्मान प्रदान किया गया। पुरस्कार के रूप में श्री रथ को चांदी का कोणार्क मंदिर वाली मूर्ति एवं 1 लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की गयी। श्री रथ द्वारा रचित कई साहित्य रचना ओड़िआ साहित्य को समृद्ध किया है।
निधन
मशहूर साहित्यकार चंद्रशेखर रथ का 9 फरवरी, 2018 को निधन हो गया है। वो 89 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रथ ने शुक्रवार को भुवनेश्वर में आखिरी सांसे लीं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पटनायक ने कहा कि जो साहित्य रथ ने छोड़ा है, वो हमेशा उन्हें हमारे दिलों में जिंदा रखेगा। उन्होंने रथ के निधन को साहित्य क्षेत्र और देश के लिए बड़ी क्षति कहा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी चंद्रशेखर रथ के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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