जजाऊ का युद्ध 12 जून, सन 1707 ई. में हुआ था। यह युद्ध मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की मृत्यु के बाद मुग़ल साम्राज्य पर उत्तराधिकार के लिए हुआ था। यह एक निर्णायक युद्ध था, जो आगरा से दक्षिण की ओर कुछ मील दूर यमुना नदी के किनारे लड़ा गया था।
- इस युद्ध में औरंगज़ेब के एकमात्र जीवित बेटे बहादुर शाह को सत्ता मिली।
- 3 मार्च, 1707 को औरंगाज़ेब की मृत्यु के बाद काबुल, अफ़ग़ानिस्तान में सूबेदार पद पर आसीन बहादुर शाह और उनके भाई आज़म शाह में युद्ध शुरू हुआ।
- सावधानी और तेज़ी से की गई तैयारियों और तेज़ चालों से बहादुर शाह ने 12 जून को आगरा पहुंचकर शाही ख़ज़ाने पर क़ब्ज़ा कर लिया।
- इस युद्ध में हालांकि निश्चित संख्या की जानकारी नहीं है, लेकिन दोनों पक्षों के पास लगभग 1, 00,000 से अधिक योद्धा थे और बहादुर शाह तोपख़ाने के मामले में ज़्यादा सशक्त थे।
- अपनी तोपों के कारण और आज़म शाह के कुछ सहयोगियों द्वारा साथ छोड़े जाने और तेज़ गर्मी के मौसम में पानी की कमी ने बहादुर शाह का साथ दिया।
- जजाऊ के युद्ध में आज़म शाह और उनके बेटे बीदर बख़्त, दोनों की मृत्यु हो गई।[1]
इन्हें भी देखें: मुग़ल काल, मुग़ल वंश एवं बाबर
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2 |लेखक: इंदू रामचंदानी |प्रकाशक: एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 198 |