ज़ुन्हेबोटो
ज़ुन्हेबोटो नागालैण्ड राज्य, पूर्वोत्तर भारत में स्थित एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल और नगर है। यह ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इसकी प्राकृतिक सुन्दरता की भांति यहाँ रहने वाले आदिवासी लोग, उनकी वेश-भूषा और रहन-सहन भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। ज़ुन्हेबोटो क्षेत्र को कई भ्रंश रेखाएँ काटती हैं और यहाँ भूकम्प आने की सम्भावनाएँ हमेशा बनी रहती हैं। यहाँ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। 'झूम खेती' यहाँ पर विशेष तौर पर की जाती है।
स्थिति
नागालैण्ड राज्य का प्रशासनिक मुख्यालय ज़ुन्हेबोटो, कोहिमा नगर से लगभग 66 किलोमीटर की दूरी पर पूर्वोत्तर में स्थित है। यह नगर पहले मोकोक्चुंग उपसंभाग में आता था। राज्य के मध्य भाग में स्थित ज़ुन्हेबोटो ज़िले (क्षेत्रफल लगभग 1,300 वर्ग किलोमीटर) को 1973 में मोकोकचुंग ज़िले से अलग कर दिया गया था। यह उत्तर में मोकोक्चुंग ज़िले, पूर्व में तुवेनसांग ज़िले, दक्षिण में फेक ज़िले और कोहिमा व पश्चिम में वोखा ज़िले से घिरा हुआ है।
प्राकृतिक सुन्दरता
ज़ुन्हेबोटो दो शब्दों से मिलकर बना है- 'ज़ुन्हेबो' और 'तो'। ज़ुन्हेबो का अर्थ होता है- 'फूलों की झाड़ी' और टो का अर्थ होता है- 'पहाड़ी की चोटी'। इसकी प्राकृतिक सुन्दरता की भांति यहाँ रहने वाले आदिवासी और उनकी वेश-भूषा तथा रहन-सहन भी पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। इन सबमें आदिवासियों के युद्ध पोशाक पर्यटकों को बहुत पसंद आती हैं। चूंकि इन आदिवासियों की संस्कृति बहुत रंग-बिरंगी है। ज़ुन्हेबोटो के आदिवासी जुलाई के दूसरे सप्ताह में शानदार 'तुलूनी उत्सव' का आयोजन करते हैं। ज़ुन्हेबोटो में कई आकर्षण स्थल हैं, जैसे- घोषो पक्षी अभयारण्य, सतोई श्रृंखला।
भूकम्प की सम्भावना
इस क्षेत्र को कई भ्रंश रेखाएँ काटती हैं और भूकम्प आने की सम्भावनाएँ हमेशा बनी रहती हैं। यह 60 मीटर से 914 मीटर की औसल ऊँचाई वाला पहाड़ी और ऊबड़-खाबड़ क्षेत्र है। पहाड़ियाँ, चीड़, अखरोट, भोज (बर्च) और बांस के वृक्षों वाले सघन वनों से ढकी हुई हैं। उत्तर-दक्षिण दिशा में लेनिए और दिखु प्रमुख नदियाँ हैं, जो संकरी घाटियों से होकर बहती हैं।
कृषि
अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। यहाँ पर 'झूम खेती' की जाती है। फ़सलों में चावल, अदरक, कंद, कपास, मक्का, आलू, फल, तिल और गन्ना शामिल हैं। यहाँ सूअर और मुर्गीपालन भी होता है। कुटीर उद्योगों में बुनाई, रंगाई, बेंत, बांस, लकड़ी का सामान और मिट्टी के बर्तन बनाने का काम शामिल है। इमारती लकड़ी को संरक्षित किया जाता है। ज़िले में कैल्शियम युक्त चूना व कोयले के भंडार भी हैं।
- जनजातियाँ
यहाँ की जनजातियों का ज़िक्र संस्कृत साहित्य में किरात के रूप में मिलता है। अब ज़िले में अंगामी, रेंगमा, चाखेसांग और ज़ेलियांग लोगों का निवास है।
आवागमन तथा जनसंख्या
ज़ुन्हेबोटो में सड़कों द्वारा आवागमन असमतल भू-भागों के कारण कठिन है। यहाँ की जनसंख्या वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार नगर में 22,809 और ज़िले में कुल 1,54,909 थी।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख