याजपुर ओड़िशा राज्य के तीन सुप्रसिद्ध स्थलों भुवनेश्वर, याजपुर तथा कोणार्क में से एक है। यह हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। हावड़ा वाल्टेयर लाइन पर कटक से 44 मील पूर्व ही याजपुर क्योंझररोड स्टेशन है। यहाँ से तीर्थ 9 मील दूर है। इस स्टेशन से बसें जाती हैं।
- याजपुर नाभि गया क्षेत्र माना जाता है। यहाँ वैतरणी नदी है।
- श्राद्ध तर्पण ही यहाँ का मुख्य कर्म है। कहते हैं कि ब्रह्मा जी ने पहले यहाँ यज्ञ किया था। उस यज्ञ कुंड से विरजा देवी का प्राकट्य हुआ।
- वैतरणी नदी के घाट पर ही मंदिर हैं। इनमें गणेश, सप्तमातृका, भगवान विष्णु आदि के मंदिर हैं।
- वैतरणी नदी पार करके भगवान वाराह के मंदिर में जाना पड़ता है। यही यहाँ का प्राचीन मंदिर है।
- घाट से 1 मील पर गरुड़ स्तम्भ है। उसके आगे ब्रह्मकुंड के समीप विरजा देवी का मंदिर है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। सती की नाभि यहीं गिरी थी।
- उससे थोड़ी दूर पर त्रिलोचन शिवमंदिर है। नाभिगया कुंड के समीप घंटाकर्ण भैरव की मूर्ति है।
- यहाँ ठहरने के लिए धर्मशालायें हैं[1]।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दूओं के तीर्थ स्थान |लेखक: सुदर्शन सिंह 'चक्र' |पृष्ठ संख्या: 81 |