तानसेन स्मारक जिसे 'तानसेन की कब्र' भी कहा जाता है, ग्वालियर, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख स्मारक है।
- तानसेन को उनके गुरु मुहम्मद गौस के साथ यहाँ दफनाया गया था।
- मध्यकालीन भारत में तानसेन अकबर के दरबार के प्रसिद्ध संगीतकार थे। वे हिंदुस्तानी संगीत के बड़े दिग्गज थे और अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे। उनके गुरु सूफ़ी संत मुहम्मद गौस थे। तानसेन ने भी सूफ़ी संस्कृति का पालन किया।
- तानसेन के बारे में पौराणिक कथा यह है कि जब वे मेघ मल्हार राग गाते थे तो बरसात होने लगती थी।
- यह स्मारक वास्तुकला की मुग़ल शैली का विशिष्ट उदाहरण है।
- यहाँ प्रतिवर्ष नवंबर और दिसंबर में 'तानसेन संगीत समारोह' मनाया जाता है।
- तानसेन की मृत्यु 1586 ई. में आगरा में हुई थी। उनकी इच्छानुसार उनको उनके गुरु गौस मोहम्मद की कब्र के पास दफनाया गया। इतिहास में इस बात के दो प्रमाण मिलते हैं। कुछ के अनुसार उनको मुस्लिम रिवाजों से दफनाया गया। कुछ कहते हैं हिन्दू रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। उनकी अंतिम यात्रा में अकबर के साथ-साथ देश के कई अन्य बड़े राजा महाराजा भी शामिल थे।
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