दक्ष महादेव मंदिर, हरिद्वार
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विवरण | 'दक्ष महादेव मंदिर' हरिद्वार का प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | हरिद्वार |
निर्माण काल | 1810 ई. |
निर्माणकर्ता | रानी धनकौर |
स्थिति | हरिद्वार से लगभग 4 कि.मी. की दूरी पर। |
संबंधित लेख | शिव, सती, दक्ष, हरिद्वार |
अन्य जानकारी | इस मंदिर में एक छोटा गड्ढा है और ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है, जहाँ देवी सती ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। |
दक्ष महादेव मंदिर हरिद्वार, उत्तराखण्ड का प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और नगर के दक्षिण में स्थित है। सती के पिता राजा दक्ष की याद में यह मंदिर बनवाया गया है। प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में यहाँ बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने हेतु आते हैं।
स्थिति तथा निर्माण काल
दक्ष महादेव मंदिर हरिद्वार से लगभग 4 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1810 ई. में पहले रानी धनकौर ने करवाया था और 1962 में इसका पुनर्निर्माण किया गया।
किंवदंती
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस स्थान पर राजा दक्ष ने एक विशाल यज्ञ किया गया था। उन्होंने इस यज्ञ में अपने दामाद भगवान शिव को छोड़कर सभी को आमंत्रित किया। अपने पिता के ऐसे व्यवहार के कारण सती ने स्वयं को बहुत अपमानित महसूस किया एवं यज्ञ की पवित्र अग्नि में अपने जीवन का बलिदान दे दिया। इससे शिव के अनुयायी गण उत्तेजित हो गए और उन्होंने दक्ष को मार डाला। बाद में शिव ने उन्हें पुनर्जीवित कर दिया।
मान्यता
इस मंदिर में एक छोटा गड्ढा है और ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है, जहाँ देवी सती ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। मंदिर के मध्य में भगवान शिव की मूर्ति लैंगिक रूप में रखी गई है। प्रत्येक वर्ष हिन्दू महीने सावन में भक्त बड़ी संख्या में यहाँ प्रार्थना करने आते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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