दशवैकालिक सूत्र जैन धार्मिक ग्रंथ है। यह कृति आचार्य शय्यम्भव की निर्यूहण कृति है।
- आचार्य शय्यम्भव श्रुतकेवली थे। उन्होंने विभिन्न पूर्वों से दशवैकालिक निर्यूहण किया।
- दशवैकालिक सूत्र में 10 अध्याय हैं, इसकी रचना विकाल में पूर्ण हुई थी।
- इस सूत्र में मुख्य रूप से धर्म का स्वरूप साधु की भिक्षाचर्या, श्रामण्य की पूर्व भूमिका भाषा-शुद्धि, विनय-समाधि आदि का सुंदर विवेचन हुआ है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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