देहरादून पर्यटन
देहरादून पर्यटन
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विवरण | देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून भारत का प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटक स्थल है। देहरादून पूर्व में गंगा से लेकर पश्चिम में यमुना नदी तक फैला हुआ है। |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | देहरादून ज़िला |
स्थापना | 1699 |
मार्ग स्थिति | देहरादून चंडीगढ़ से 204 किलोमीटर दक्षिण पूर्व, शिमला से 234 किलोमीटर दक्षिण पूर्व, दिल्ली से 288 किलोमीटर दूर स्थित है। |
प्रसिद्धि | देहरादून शिक्षण संस्थान, मंदिर, झरनें, संग्रहालय के लिए विख्यात है। |
कैसे पहुँचें | बस, रेल, टैक्सी, हवाई जहाज़ |
जौली ग्रान्ट हवाई अड्डा, देहरादून | |
देहरादून रेलवे स्टेशन | |
बस अड्डा, देहरादून | |
क्या देखें | शिक्षण संस्थान, मंदिर, झरनें, संग्रहालय |
क्या ख़रीदें | ख़रीददारी के लिए पल्टन बाज़ार विशेष तौर पर प्रसिद्ध है। मौसम की ताजी शक्कर, नए आकार प्रकार के बर्तन और गिफ्ट देने का सामान, आम और रसीली लीची ख़रीद सकते हैं। |
एस.टी.डी. कोड | 0135 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
सावधानी | बरसात में भूस्खलन |
गूगल मानचित्र, जौली ग्रान्ट हवाई अड्डा |
देहरादून | देहरादून पर्यटन | देहरादून ज़िला |
देहरादून में कई पर्यटन स्थल है। भारत का प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटक स्थल देहरादून देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी है। शिवालिक पहाड़ियों के बीच बसा देहरादून प्रतिवर्ष लाखों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। उत्तरी भारत के पश्चिमोत्तर उत्तरांचल राज्य में स्थित देहरादून पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल है। पुराणों के अनुसार इसकी स्थापना कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने की थी। इसलिए देहरादून को द्रोण का घर भी कहा जाता है। इसके पूर्व में गंगा और पश्चिम में यमुना नदी बहती है। रोमांच, आध्यात्म और सुंदरता से भरपूर देहरादून भारत के विकसित शहरों में से एक है। देहरादून का वन्य अनुसंधान संस्थान एशिया में एकमात्र संस्थान है। देहरादून में प्राकृतिक छटा के साथ-साथ मानव निर्मित कला को भी देखा जा सकता है।
पर्यटन स्थल
देहरादून पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल है। विदेशी पर्यटक भी यहाँ आध्यात्मिक सुख की चाह में नियमित रूप से आते रहते हैं। देहरादून के प्रमुख पर्यटन स्थल इस प्रकार हैं।
वन्य अनुसंधान संस्थान
- वन्य अनुसंधान संस्थान विश्व के बेहतरीन वन्य अनुसंधान केंद्रों में से एक है।
- यहाँ पृथ्वी पर मौजूद वनस्पतियों के बारे में जानने और उनके विकसित होने की प्रक्रिया को आसानी से समझा जा सकता है।
मलसी डियर पार्क
- देहरादून से 10 किलोमीटर आगे मसूरी जाने वाले रास्ते पर मलसी डियर पार्क पर्यटक स्थल है।
- मलसी डियर पार्क ख़ूबसूरत वातावरण के बीच हिरन, नील गाय और पक्षियों को देखना पर्यटकों को एक सुखद अहसास का अनुभव कराता है।
गुरु राम राय दरबार
- गुरु रामराय के पिता गुरु हरि राय ने उन्हें मुग़ल राजा औरंगज़ेब के दरबार में चमत्कार दिखाने के लिए भेजा था।
- देहरादून पहुँचने पर उन्हें यहाँ आकर इतना अच्छा लगा कि वे यहीं रुक गए और यहाँ एक गुरुद्वारा बनाया जिसका नाम गुरु राम राय दरबार रखा। यहीं उन्होंने अपना झंडा फहराया। तब से आज तक होली के पाँचवे दिन बाद यह उत्सव मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन गुरु राम राय देहरादून पहुँचे थे।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
- महान स्वतंत्रता सेनानी सी. राजगोपालाचारी के नाम पर इस उद्यान का नाम राजाजी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया।
- 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला राजाजी राष्ट्रीय उद्यान अपने यहाँ पाए जाने वाले हाथियों की संख्या के लिए जाना जाता है।
- इसके अलावा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में हिरन, चीते, सांभर और मोर भी पाए जाते हैं।
ऋषिकेश
- भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में एक ऋषिकेश है जो समुद्र तल से 1360 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।
- ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है।
- इसे हिमालय का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है क्योकि यहाँ से पर्वतों के राजा हिमालय का साम्राज्य शुरू हो जाता है।
मसूरी
- उत्तराखंड की प्रकृति की गोद में बसा हुआ मसूरी एक छोटा सा शहर है जिसे "पहाड़ो की रानी" भी कहा जाता है।
- बर्फ़ से ढके हिमालय और दून घाटी के बीच बसा मसूरी का नज़ारा बहुत ही मनमोहक लगता है। मसूरी गंगोत्री मंदिर का प्रवेश द्वार भी है।
- मसूरी में एक ओर जहाँ विशाल हिमालय की चमचमाती बफीली श्रृंखलाओं का सुंदर नज़ारा दिखता है, वहीं दूसरी ओर दून घाटी में बिखरी प्रकृति की अदभुत सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है।
सहस्त्रधारा
देहरादून से सहस्त्रधारा 11-12 किलोमीटर दूर है। सहसहस्त्रधारा का हज़ार गुना अर्थ वसंत होता है। यह एक पिकनिक स्पॉट है लेकिन यहाँ का मुख्य आकर्षण वे ग़ुफाएँ हैं जिनमें लगातार पानी टपकता रहता है। यह पानी गन्धक युक्त होता है, जिसके उपयोग से चमड़ी के दर्द ठीक हो सकते हैं। थोड़ी दूर पहाड़ी पर आगे चलने पर पहाड़ी के अन्दर प्राकृतिक रूप से तराशी हुई कई छोटी छोटी ग़ुफा है जो बाहर से तो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती किंतु इन ग़ुफा में जब प्रवेश करते है तो उनकी छत अविरत रिमज़िम हलकी बारिश की बौछारों की तरह टपकती रहती है। यहाँ स्थित धाराओं के अनेक समूहों को सहस्त्रधारा के नाम से जाना जाता है
लक्ष्मण सिद्ध
- ऋषिकेश की ओर देहरादून से 12 किमी दूर लक्ष्मण सिद्ध एक प्रसिद्ध मंदिर है।
- कहा जाता है कि एक साधु ने यहाँ समाधि ली थी।
- मंदिर तक सुलभता से पहुँच होने के कारण विशेषकर रविवार को यहाँ बड़ी संख्या में दर्शनार्थी आते हैं।
कंलगा स्मारक
- देहरादून-सहस्त्रधारा मार्ग पर स्थित यह स्मारक ब्रिटिशों और गोरख़ों के बीच 180 वर्ष पहले हुए युद्ध में बहादुरी की गाथाएँ याद दिलाता है। *रिसपाना नदी के किनारे पहाड़ी पर 1000 फुट की ऊँचाई पर बना कंलगा स्मारक गढ़वाली शासकों के इतिहास को दर्शाता है।
भागीरथी रिज़ॉर्ट
सड़क मार्ग द्वारा चकराता से 18 किमी दूर सेलाकी, देहरादून स्थित भागीरथी रिज़ॉर्ट से हिमालय की पर्वत श्रेणियों का रोमांचक दृश्य दिखाई देता है। रिज़ॉर्ट में बने शांत स्विमिंग पूल, वाटर-स्लाइटें और फ़व्वारा यात्रियों को आकर्षित करते हैं। पर्वत श्रेणियों की पृष्ठभूमि में बना यह रिज़ॉर्ट एक आदर्श पर्यटन स्थल है।
तपोवन
- देहरादून राजपुर रोड पर सिटी बस स्टेंड से लगभग 5 किमी दूर स्थित तपोवन सुंदर दृश्यों से घिरा है।
- कहते है कि गुरु द्रोणाचार्य ने इस क्षेत्र में तपस्या की थी।
धार्मिक स्थल
देहरादून धार्मिक दृष्टि के लिए भी महत्त्वपूर्ण है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
चंद्रबनी मंदिर
- चंद्रबनी मंदिर एक सुंदर पर्यटन स्थल है।
- चंद्रबनी मंदिर गौतम बुद्ध के लिए प्रसिद्ध है।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि गौतम अपनी पत्नी और पु्त्री अंजनी के साथ इस स्थान पर निवास करते थे।
- ऐसा कहा जाता है कि स्वर्ग पुत्री गंगा इसी स्थान पर अवतरित हुई थी, जो अब गौतम कुंड के नाम से प्रसिद्ध है।
टपकेश्वर मंदिर
- टपकेश्वर मंदिर एक गुफा मंदिर है।
- टपकेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
- गुफा की छत से शिवलिंग पर पानी टपकता है। इसी कारण से इस मंदिर को टपकेश्वर मंदिर कहा जाता है।
संतौला देवी मंदिर
- देहरादून से लगभग 15 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध संतौला देवी मंदिर है।
- संतौला देवी मंदिर का बहुत सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व है।
- इसे शांतला देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
साई दरबार
- राजपुर रोड पर शहर से 8 किमी की दूरी पर घंटा घर के समीप साई दरबार मंदिर है।
- इसका बहुत अधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व है तथा देश विदेश से दर्शनार्थी यहाँ आते हैं।
- साई दरबार के समीप राजपुर रोड पर ही भगवान बुद्ध का बहुत विशाल और भव्य तिब्बती मंदिर है।
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