द्वारावती अथवा 'द्वारवती' गुजरात की एक प्राचीन नगरी थी, जो द्वारका से कुछ ही दूरी पर स्थित थी।[1]
'द्वारावत्य परेष गढ़मढ़गिरौ श्रीजीर्णवप्रे तथा'।
- द्वारावती को जैन तीर्थंकर नेमिनाथ से संबंधित बताया गया है।
- जैन पौराणिक कथाओं के अनुसार नेमिनाथ श्रीकृष्ण के समकालीन और उनके संबंधी भी थे।
- जरासंध के उपद्रव से डरकर कृष्ण द्वारावती आ गए थे।
- आजकल के पोरबंदर से 15 कोस दक्षिण समुद्र में द्वारावती का स्थान बताया जाता है। कुछ लोग इसे ‘कुशस्थली’ भी कहते हैं।[2]
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