प्रार्थना

प्रार्थना एक धार्मिक क्रिया है जो ब्रह्माण्ड के किसी 'महान शक्ति' से सम्बन्ध जोड़ने की कोशिश करती है। प्रार्थना व्यक्तिगत हो सकती है और सामूहिक भी। इसमें शब्दों (मंत्र, गीत आदि) का प्रयोग हो सकता है या प्रार्थना मौन भी हो सकती है।
- एल. क्राफार्ड ने कहा था- ‘‘प्रार्थना परिष्कार एवं परिमार्जन की उत्तम प्रक्रिया है।’’
प्रार्थना संकलन

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- सरस्वती प्रार्थना
- नमाज़
- नित्यप्रार्थना
- अग्नि को समर्पित प्रार्थना
- क्षमा-प्रार्थना का दिन
- यीशु की प्रार्थना का दिन
- वृक्षों का प्रार्थना गीत
- उदयमान सूर्य की प्रार्थना उपासना
- विष्णु भगवान की पूजा के गीत
मैंने यह अनुभव किया है कि जब हम सारी आशा छोड़कर बैठ जाते हैं, हमारे दोनों हाथ टिक जाते हैं, तब कहीं न कहीं से मदद आ पहुंचती है। स्तुति, उपासना, प्रार्थना वहम नहीं है, बल्कि हमारा खाना पीना, चलना बैठना जितना सच है, उससे भी अधिक सच यह चीज है। यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं है कि यही सच है और सब झूठ है। ऐसी उपासना, ऐसी प्रार्थना निरा वाणी विलास नहीं होती उसका मूल कंठ नहीं हृदय है।[2]---महात्मा गाँधी |
प्रार्थना निवेदन करके उर्जा प्राप्त करने की शक्ति है और अपने इष्ट अथवा विद्या के प्रधान देव से सीधा संवाद है। प्रार्थना लौकिक व अलौकिक समस्या का समाधान है।[3]---आदि शक्ति |
मुझे इस विषय में कोई शंका नहीं है कि विकार रूपी मलों की शुद्धि के लिए हार्दिक उपासना एक रामबाण औषधि है।[4]---महात्मा गाँधी |
प्रार्थनाओं की प्रार्थना
हेनरी डेविड थोरो की इस प्रार्थना को गांधी जी प्रार्थनाओं की प्रार्थना कहते थे-
" हे प्रभो ! मुझे इतनी शक्ति दे दो कि मैं अपने को अपनी करनी से कभी निराश न करूँ । मेरे हस्त, मेरी द्रढ़ता, श्रद्धा का कभी अनादर न करें । मेरा प्रेम मेरे मित्रों के प्रेम से घटिया न रहे । मेरी वाणी जितना कहे-- जीवन उससे ज्यादा करता चले । तेरी मंगलमय स्रष्टि का हर अमंगल पचा सकूँ, इतनी शक्ति मुझ में बनी रहे । "[5]---हेनरी डेविड थोरो |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- प्रार्थना का मष्तिष्क पर प्रभाव
- प्रातः प्रार्थना का वैज्ञानिक महत्व
- यजुर्वेद में औषधीय वनस्पति की प्रार्थना
- PBS Documentary on Prayer in America
- Scientific study of effect of prayer on recovery of patients
- संघ की प्रार्थना
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