ब्रह्मोस-2 (अंग्रेज़ी: BrahMos-2) रूस की एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिया और भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा वर्तमान में संयुक्त रूप से विकासाधीन एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो एक साथ ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा गठित है। यह ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल श्रृंखला की दूसरी क्रूज मिसाइल है।
- ब्रह्मोस-2 की रेंज 290 किलोमीटर और मेक 7 की गति होने की संभावना है।
- उड़ान के क्रूज चरण के दौरान मिसाइल एक स्क्रैमजेट एयरब्रेस्टिंग जेट इंजन का प्रयोग करेगी।
- ब्रह्मोस-2 की योजनाबद्ध परिचालन सीमा 290 किलोमीटर तक सीमित कर दी गई है, क्योंकि रूस मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का एक हस्ताक्षरकर्ता सदस्य देश है, जो रूस को 300 किलोमीटर (190 मील। 160 एनएमआई) के ऊपर सीमाओं वाली मिसाइलों को विकसित करने में अन्य देशों की मदद से रोकता है। हालांकि, अब भारत एक मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था हस्ताक्षरकर्ता सदस्य देश बन गया है।
- इसकी शीर्ष गति वर्तमान ब्रह्मोस 1 की दोगुनी होगी और यह दुनिया में सबसे तेज क्रूज मिसाइल होगी।
- ब्रह्मोस 2 को मेक 5 की गति से पार करने के लिए रूस एक विशेष और गुप्त ईंधन सूत्र विकसित कर रहा है।
- ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी. जे. अब्दुल कलाम के सम्मान में मिसाइल को ब्रह्मोस-2 (के) का नाम दिया है।
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टीका-टिप्पणी और सन्दर्भ
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