भारत का संविधान- ग्यारहवीं अनुसूची
(अनुच्छेद 243छ)[1]
1. कृषि, जिसके अंतर्गत कृषि-विस्तार है।
2. भूमि विकास, भूमि सुधार का कार्यान्वयन, चकबंदी और भूमि संरक्षण।
3. लघु सिंचाई, जल प्रबंध और जलविभाजक क्षेत्र का विकास।
4. पशुपालन, डेरी उद्योग और कुक्कुट-पालन।
5. मत्स्य उद्योग।
6. सामाजिक वानिकी और फार्म वानिकी।
7. लघु वन उपज।
8. लघु उद्योग, जिनके अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी हैं।
9. खादी, ग्रामोद्योग और कुटीर उद्योग।
10. ग्रामीण आवासन।
11. पेय जल।
12. ईंधन और चारा।
13. सड़कें, पुलिया, पुल, फेरी, जलमार्ग और अन्य संचार साधन।
14. ग्रामीण विद्युतीकरण, जिसके अंतर्गत विद्युत का वितरण है।
15. अपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत।
16. ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रम।
17. शिक्षा, जिसके अंतर्गत प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय भी है।
18. तकनीकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा।
19. प्रौढ़ और अनौपचारिक शिक्षा।
20. पुस्तकालय।
21. सांस्कृतिक क्रियाकलाप।
22. बाज़ार और मेले।
23. स्वास्थ्य और स्वच्छता, जिनके अंतर्गत अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और औषधालय भी हैं।
24. परिवार कल्याण।
25. महिला और बाल-विकास।
26. समाज कल्याण, जिसके अंतर्गत विकलांगों और मानसिक रुप से मंद व्यक्तियों का कल्याण भी है।
27. दुर्बल वर्गों का और विशिष्टतया, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का कल्याण।
28. सार्वजनिक वितरण प्रणाली।
29. सामुदायिक आस्तियों का अनुरक्षण।
1. संविधान (तिहत्तरवाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 की धारा 4 द्वारा (24-4-1993 से) अंतःस्थापित।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संविधान (तिहत्तरवाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 की धारा 4 द्वारा (24-4-1993 से) अंतःस्थापित।
बाहरी कड़ियाँ
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