योसांग होली
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विवरण | 'योसांग होली' मणिपुर के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। |
राज्य | मणिपुर |
विशेष | 'ढोल ढोलक चोलम' नामक नृत्य की प्रस्तुति योसांग पर्व के मौके पर की जाती है। यह नृत्य मूलत: ढोल पर आधारित होता है। |
संबंधित लेख | होली, होलिका दहन, मणिपुर की होली, मणिपुर की संस्कृति |
अन्य जानकारी | इस त्योहार के दौरान लोग कृष्ण मंदिर में पीले और सफेद रंग के पारंपरिक परिधान पहनकर जाते हैं और संगीत और नृत्य करते हैं। |
योसांग होली भारत के पूर्वी राज्य मणिपुर में मनाई जाती है। मणिपुर में होली पूरे 6 दिनों तक चलती है, जिसे 'योसांग' कहा जाता है।
- मणिपुर में होली की शुरुआत में होलिका न बनाकर घासफूस की एक झोपड़ी बनाई जाती है और इसमें आग लगाते हैं।
- अगले दिन लड़कों की टोलियाँ लड़कियों के साथ होली खेलती है, इसके बदले में उन्हें लड़की को उपहार देना होता है।
- होली के दौरान लोग कृष्ण मंदिर में पीले और सफेद रंग के पारंपरिक परिधान पहनकर जाते हैं और संगीत और नृत्य करते हैं। इस दौरान थाबल चोंगा वाद्य बजाया जाता है।
- लड़के-लड़कियाँ साथ में नाचते हैं। वे एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।
- इस त्योहार का उद्देश्य लड़के-लड़कियों को एक-दूसरे से मिलने के लिए मौका देना भी होता है।
- 'ढोल ढोलक चोलम' नामक नृत्य की प्रस्तुति योसांग पर्व के मौके पर की जाती है। यह नृत्य मूलत: ढोल पर आधारित है। ढोल के साथ लड़के-लड़कियों का नृत्य, इनकी फुर्ती और शरीर का लय सब कुछ सधा हुआ होता है।[1]
इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नगाड़े की थाप पर घुँघरू की छम-छम (हिन्दी) जागरण। अभिगमन तिथि: 03 मार्च, 2015।
बाहरी कड़ियाँ
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