संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. (श्रीमती) किल्ली क्रुपारानी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 'माई स्टाम्प' योजना दिल्ली में वर्ष 2011 में आयोजित विश्व फिलैटली प्रदर्शनी के दौरान प्रारंभ की गई थी। माई स्टाम्प के दो भाग हैं- मूल्य भाग जिसमें सामान्य डाक टिकट होती है और वैयक्तिक भाग जिसमें ग्राहक की थंबनेल फोटो, संस्थाओं के प्रतीक चिन्ह, कलाकृतियों की तस्वीर, धरोहर भवन, प्रसिद्ध पर्यटक स्थल, ऐतिहासिक शहर, वन्य जीवन, पशु और पक्षी इत्यादि हो सकते हैं। केवल वैयक्तिक भाग कानूनी रूप से वैध एक डाक टिकट नहीं है। अब तक 12,17,497 'माई स्टाम्प' तैयार/जारी किए जा चुके हैं। उक्त सुविधा डाक सर्किलों के प्रमुखों के निर्णय अनुसार सामान्यत: विशेष अवसरों के दौरान सीमित अवधि के लिए कुछ चयनित डाकघरों से प्रदत्त की जाती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ माई स्टाम्प योजना (हिंदी) पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार। अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2013।