मीर सामाँ मध्य काल में मुग़लकालीन शासन व्यवस्था में एक महत्त्वपूर्ण पद था। यह बादशाह के घरेलू विभागों का प्रधान होता था। बादशाह के दैनिक व्यय, भोजन एवं भण्डार का निरीक्षण मीर सामाँ करता था।
- मुग़ल साम्राज्य के अन्तर्गत आने वाले कारखानों (बयूतात) का भी संगठन एवं प्रबन्धन मीर सामाँ को करना पड़ता था।
- मीर सामाँ के अधीन 'दीवान-ए-बयूतात', मुशरिफ़, दारोगा एवं तहसीलदार[1] आदि कार्य करते थे। इस प्रकार वकील या वज़ीर की शक्तियाँ इन चार मंत्रियों के मध्य विभाजित थीं।
- मीर सामाँ साम्राज्य में तीसरा महत्त्वपूर्ण अधिकारी होता था। वह शाही परिवार के कामों को देखता था, जिसमें हरम के लिए आवश्यक भोजन सामग्री और अन्य वस्तुओं की आपूर्त्ति भी सम्मिलित थी। इनमें से बहुत-सी वस्तुओं का उत्पादन शाही कारख़ानों में होता था।
- बादशाह के अत्यन्त विश्वसनीय सरदारों को ही इस पद पर नियुक्त किया जाता था।
- दरबार की मर्यादा का पालन कराने और शाही अंगरक्षकों का निरीक्षण भी इसी अधिकारी का उत्तरदायित्व था।
इन्हें भी देखें: मुग़ल काल, मुग़ल साम्राज्य, मुग़ल वंश, मुग़लकालीन सैन्य व्यवस्था एवं मुग़लकालीन शासन व्यवस्था
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कारखानों के लिए आवश्यक नक़दी एवं माल का प्रभारी