युद्ध सेवा पदक (अंग्रेज़ी: Yudh Seva Medal) युद्धकालीन समय के दौरान प्रतिष्ठित सेवा के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित सैन्य सम्मान है। यह परिचालन संबंधी संदर्भ में जिसमें युद्ध, संघर्ष या शत्रुता के समय शामिल है, विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इस सम्मान के प्राप्तकर्ता को मरणोपरांत भी सम्मानित किया जा सकता है। यह सम्मान युद्घकालीन विशिष्ट सेवा पदक के समानांतर है, जो शांतिकाल का प्रतिष्ठित सेवा सम्मान है।
- यह पदक गोलाकार होता है और इसका व्यास 35 मि.मी. है। यह सादी आड़ी पट्टी पर लगा होता है और इसकी फिटिंग स्टैंडर्ड होती है। यह सुनहरे रंग का होता है। इस पदक के सामने के हिस्से पर राज्य चिह्न बना होता है और अंग्रेज़ी में 'युद्ध सेवा मेडल' लिखा होता है। इसके पीछे की ओर पांच नोकों वाला सितारा बना होता है।[1]
- इसका फीता सुनहरे रंग का होता है जिस पर लाल रंग की तीन सीधी रेखाएं होती हैं जो इसे चार बराबर हिस्सों में विभाजित करती हैं।
- यदि पदक विजेता को फिर से पदक पदान किया जाता है तो बहादुरी के इस कारनामे को सम्मानित करने के लिए पदक जिस फीते से लटका होता है, उसके साथ एक बार लगा दिया जाता है। यदि केवल फीता पहनना हो तो यह पदक जितनी बार प्रदान किया जाता है, उतनी बार के लिए फीते के साथ सरकार द्वारा अनुमोदित पैटर्न के अनुसार बनी इसकी लघु प्रतिकृति लगाई जाती है।
- निम्नलिखित श्रेणियों के कार्मिक पदक प्राप्त करने के पात्र होंगे-
- सेना, नौसेना और वायु सेना तथा प्रादेशिक सेना यूनिटों, सहायक और रिजर्व सेना और कानूनी रूप से गठित अन्य सेनाओं के सभी रैंकों के अफसर और जवान (जब शामिल की जाएं)।
- सशस्त्र सेनाओं की नर्सिंग सेवा के नर्सिंग अफसर और अन्य कार्मिक।
- यह पदक युद्ध, मुठभेड़, प्रतिकूल परिस्थितियों में असाधारण विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सम्मान और पुरस्कार के बारे में (हिंदी) indianairforce.nic.in। अभिगमन तिथि: 25 मई, 2020।
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