रहिमन खोटी आदि को -रहीम

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‘रहिमन’ खोटी आदि को, सो परिनाम लखाय।
जैसे दीपक तम भखै, कज्जल वमन कराय॥

अर्थ

जिसका आदि बुरा, उसका अन्त भी बुरा। दीपक आदि में अन्धकार का भक्षण करता है, तो अन्त में वमन भी वह कालिख का ही करता हैं। जैसा आरम्भ, वैसा ही परिणाम।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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