रहिमन तब लगि ठहरिए -रहीम
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
‘रहिमन’ तब लगि ठहरिए, दान, मान, सनमान।
घटत मान देखिय जबहिं, तुरतहि करिय पयान॥
- अर्थ
तभी तक वहां रहा जाय, जब तक दान, मान और सम्मान मिले। जब देखने में आये कि मान-सम्मान घट रहा है, तो तत्काल वहां से चल देना चाहिए।
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख