राम बिलोके लोग सब
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
राम बिलोके लोग सब
| |
कवि | गोस्वामी तुलसीदास |
मूल शीर्षक | रामचरितमानस |
मुख्य पात्र | राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि |
प्रकाशक | गीता प्रेस गोरखपुर |
भाषा | अवधी भाषा |
शैली | सोरठा, चौपाई, छंद और दोहा |
संबंधित लेख | दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा |
काण्ड | बालकाण्ड |
राम बिलोके लोग सब चित्र लिखे से देखि। |
- भावार्थ-
राम ने सब लोगों की ओर देखा और उन्हें चित्र में लिखे हुए-से देखकर फिर कृपाधाम राम ने सीता की ओर देखा और उन्हें विशेष व्याकुल जाना॥ 260॥
राम बिलोके लोग सब |
दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख