रेवंत रेड्डी
रेवंत रेड्डी
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पूरा नाम | अनुमुला रेवंत रेड्डी |
जन्म | 8 नवंबर, 1967 |
जन्म भूमि | कोंडारेड्डी पल्ली, नगरकुर्नूल, आंध्र प्रदेश |
अभिभावक | माता- अनुमुला रामचंद्रम्मा पिता- अनुमुला नरसिम्हा रेड्डी और |
पति/पत्नी | गीता रेड्डी |
संतान | निमिषा रेड्डी |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पद | मुख्यमंत्री, तेलंगाना- 7 दिसम्बर, 2023 से पदस्थ |
शिक्षा | कला स्नातक |
विद्यालय | ए.वी. कॉलेज (ओस्मानिया विश्विद्यालय), हैदराबाद |
पूर्वाधिकारी | के. चन्द्रशेखर राव |
अन्य जानकारी | 20 सितंबर 2018 को अनुमुला रेवंत रेड्डी को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक नियुक्त किया गया था। |
अनुमुला रेवंत रेड्डी (अंग्रेज़ी: Anumula Revanth Reddy, जन्म- 8 नवंबर, 1967, आंध्र प्रदेश) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो 7 दिसंबर, 2023 से तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह तेलंगाना विधान सभा में कोडंगल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री बने रेवंत रेड्डी छह साल पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे लेकिन अपनी मेहनत और काबिलियत के बलबूते वह कांग्रेस आलाकमान के चहेते बन गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद रेवंत रेड्डी को तेलंगाना का डीके शिवकुमार कहा जाता है। पहले उन्होंने भारत की संसद में मल्काजगिरी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। जुलाई 2021 में उन्हें एन. उत्तम कुमार रेड्डी की जगह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने 2023 के तेलंगाना विधान सभा चुनाव में मौजूदा भारत राष्ट्र समिति को हराकर अपनी पार्टी को जीत दिलाई थी।
परिचय
रेवंत रेड्डी का जन्म 8 नवंबर 1967 को अविभाजित आंध्र प्रदेश में नगरकुर्नूल के कोंडारेड्डी पल्ली नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम अनुमुला नरसिम्हा रेड्डी और माता का नाम अनुमुला रामचंद्रम्मा है। उन्होंने हैदराबाद में ए.वी. कॉलेज (ओस्मानिया विश्विद्यालय) से फाइन आर्ट्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इसके बाद एक प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत की।[1]
विवाह
7 मई 1992 को रेवंत रेड्डी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री जयपाल रेड्डी की भतीजी अनुमुला गीता से शादी कर ली। हालांकि, शुरुआत में करियर के चुनाव की वजह से परिवार वाले इस रिश्ते के खिलाफ हो गए थे। बाद में परिवार वाले माने और उन्होंने गीता के साथ वैवाहिक रिश्ते की शुरुआत की। उनकी एक बेटी है, जिसका नाम न्यामिषा है।
राजनीतिक शुरुआत
शादी के बाद रेवंत रेड्डी के सियासी सफर का आगाज हुआ। छात्र जीवन के दौरान वह आरएसएस के छात्र संगठन 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' से जुड़े हुए थे। उन्होंने 2006 में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ा और मिडजिल मंडल से जिला परिषद क्षेत्रीय समिति के सदस्य चुने गए। इसके बाद 2007 में निर्दलीय ही आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बन गए। इस कार्यकाल के दौरान उनकी मुलाकात तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से हुई और आखिरकार वह पार्टी का हिस्सा बन गए। साल 2009 में रेवंत रेड्डी ने टीडीपी के टिकट पर अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और 6,989 वोटों से जीत दर्ज की। कोडंगल सीट से उतरे रेवंत कांग्रेस के पांच बार के विधायक गुरुनाथ रेड्डी को हराकर पहली बार विधायक बने थे।
कांग्रेस सदस्य
तेलंगाना गठन से पहले 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में रेवंत रेड्डी एक बार फिर कोडंगल सीट से टीडीपी के उम्मीदवार बने। एक बार फिर उन्होंने गुरुनाथ रेड्डी को हराया, जो इस बार टीआरएस के उम्मीदवार थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में रेवंत 14,614 वोटों के अंतर से विजयी हुए थे। इसके बाद टीडीपी ने रेवंत को तेलंगाना विधानसभा में नेता सदन बना दिया। हालांकि, 25 अक्टूबर 2017 में टीडीपी ने रेवंत रेड्डी को इस पद से बर्खास्त कर दिया, जब पता चला कि वह कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। अंततः 31 अक्टूबर 2017 को रेवंत रेड्डी कांग्रेस के सदस्य बन गए।[1]
20 सितंबर 2018 को उन्हें तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक नियुक्त किया गया। वहीं 2018 के तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस के सदस्य तीसरी बार कोडंगल सीट से चुनाव मैदान में उतरे। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले रेवंत को बीआरएस के पटनाम नरेंदर रेड्डी के हाथों पहली हार मिली। विधान सभा की हार के बाद रेवंत ने 2019 लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई। रेवंत तेलंगाना में कांग्रेस के उन तीन लोकसभा सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने 2019 में चुनाव जीता था।
मल्काजगिरि सीट से उतरे कांग्रेस उम्मीदवार ने टीआरएस के एम. राजशेखर रेड्डी को करीबी मुकाबले में 10 हजार से ज्यादा मतों से हराया। जून 2021 में रेवंत को बड़ी जिम्मेदारी मिली, जब कांग्रेस ने उन्हें अपनी तेलंगना प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बना दिया। इस विधानसभा चुनाव में रेवंत तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के सामने चुनाव लड़े। यह मुकाबला कामारेड्डी विधानसभा सीट पर था। यहां रेवंत रेड्डी और केसीआर दोनों को भाजपा उम्मीदवार से हार झेलनी पड़ी। हालांकि, रेवंत रेड्डी ने दूसरी सीट कोडांगल से चुनाव जीत लिया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 एबीवीपी से शुरुआत की, टीडीपी से कांग्रेस में आए; पढ़ें कहानी तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी की (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2024।
बाहरी कड़ियाँ
- रेवंत रेड्डी जीवनी
- 17 साल पहले का वो 'सपना', तेलंगाना के CM बनने जा रहे रेवंत रेड्डी की दिलचस्प है यह कहानी
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