विलिंगी सहोदरज विवाह
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
विलिंगी सहोदरज विवाह या 'असामानांतर चचेरा विवाह' (अंग्रेज़ी: Corss-cousin Marriage) विषमलिंगीय सहोदरजों की संतानों (या ममेरे-फुफेरे भाई-बहन) के बीच होने वाले विवाह को कहा जाता है।
- कुछ समाजों में ऐसे विवाह अनिवार्य होते हैं तथा कुछ में इन्हें वरीयता दी जाती है।
- बहन के लड़के और भाई की लड़की के बीच विवाह मातृपक्षीय विलिंग सहोदरज विवाह कहलाता है।
- भाई का लड़का तथा बहन की लड़की के बीच विवाह 'पितृपक्षीय विलिंग सहोदरज विवाह' कहा जाता है।
- संसार की अधिकतर जनजातियों में इस प्रकार के विवाह पाये जाते हैं। दक्षिण भारत की कुछ जनजातियों में भी इस प्रकार के विवाह पाये जाते हैं।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ असामानांतर चचेरा विवाह (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 मई, 2014।
संबंधित लेख