वैनयिकी ज्ञान कला
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। अपने और पराये से विनयपूर्वक शिष्टाचार करने की कला है।
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। अपने और पराये से विनयपूर्वक शिष्टाचार करने की कला है।