ससि संकोच साहस सलिल -रहीम
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ससि संकोच, साहस, सलिल, मान, सनेह ‘रहीम’ ।
बढ़त-बढ़त बढ़ि जात है, घटत-घटत घटि सोम ॥
- अर्थ
चन्द्रमा, संकोच, साहस, जल, सम्मान और स्नेह, ये सब ऐसे है, जो बढ़ते-बढ़ते बढ़ जाते हैं, और घटते-घटते घटने की सीमा को छू लेते हैं।
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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