सुनहु भानुकुल केतु
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सुनहु भानुकुल केतु
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| कवि | गोस्वामी तुलसीदास |
| मूल शीर्षक | 'रामचरितमानस' |
| मुख्य पात्र | राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि। |
| प्रकाशक | गीता प्रेस गोरखपुर |
| शैली | दोहा, चौपाई और सोरठा |
| संबंधित लेख | दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा |
| काण्ड | लंकाकाण्ड |
सुनहु भानुकुल केतु जामवंत कर जोरि कह। |
- भावार्थ
जाम्बवान ने हाथ जोड़कर कहा- "हे सूर्यकुल के ध्वजास्वरूप (कीर्ति को बढ़ाने वाले) राम! सुनिए। हे नाथ! (सबसे बड़ा) सेतु तो आपका नाम ही है, जिस पर चढ़कर (जिसका आश्रय लेकर) मनुष्य संसाररूपी समुद्र से पार हो जाते हैं।"
| सुनहु भानुकुल केतु |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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