सोमतीर्थं तु वसुधे! पवित्रे यमुनाम्भसि।
तत्रभिषेकं कुर्वीत सर्वकर्मप्रतिष्ठित: ।
मोदते सोमलोके तु इदमेव न संशय:।।
सोमतीर्थ का दूसरा नाम गौ घाट है । यहाँ यमुना के पवित्र जल से अभिषेक करने पर सारे मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं ।
टीका-टिपण्णी
- ↑ आदि वाराह पुराण