आचार्य धरसेन (अंग्रेज़ी: Acharya Dharasena) जैन दिगम्बर साधु थे, जिनका समय प्रथम शताब्दी माना जाता है।
- आचार्य धरसेन ने पहली सदी में दो आचार्य- आचार्य पुष्पदंत और आचार्य भूतबलि को आगम ग्रन्थ षट्खण्डागम को लिपिबद्ध करने हेतु निर्देशित किया था। इस आगम के कर्ता तीर्थंकर महावीर हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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