सी. पी. कृष्णन नायर
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पूरा नाम | चित्तरत पूवक्कट्ट कृष्णन नायर |
जन्म | 9 फ़रवरी, 1922 |
जन्म भूमि | कन्नूर, केरल |
मृत्यु | 17 मई, 2014 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र |
पति/पत्नी | लीला |
संतान | दो पुत्र- विवेक तथा दिनेश |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | होटल उद्योगपति |
पुरस्कार-उपाधि | भारत से सबसे अधिक कपड़ा निर्यात करने के लिए 'भारत सरकार' ने कृष्णन नायर को 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया था। |
विशेष योगदान | सी. पी. कृष्णन नायर ने भारत में कई लक्जरी होटल बनाए और आज उदयपुर व बेंगलुरु जैसे शहरों में स्थापित उनके लीला पैलेस की गिनती दुनिया के सर्वाधिक भव्य होटलों में होती है। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | भारतीय सेना में एक कैप्टन के तौर पर सी. पी. कृष्णन नायर ने अपना करियर शुरू किया था। उनकी पहली पोस्टिंग एबटाबाद (पाकिस्तान) में वायरलैस ऑफिसर के रूप में हुई थी। |
चित्तरत पूवक्कट्ट कृष्णन नायर (अंग्रेज़ी: Chittarath Poovakkatt Krishnan Nair; जन्म- 9 फ़रवरी, 1922, कन्नूर, केरल; मृत्यु- 17 मई, 2014, मुम्बई, महाराष्ट्र) 'होटल लीलावेंचर' के संस्थापक और चेयरमैन एमिरेट्स थे। भारतीय सेना से अपना कॅरियर शुरू करने वाले नायर ने शुरुआत में टेक्सटाइल इकाई स्थापित की थी। बाद में वर्ष 1981 में उन्होंने होटल एवं रिसोर्ट ब्रांड लीला पैलेस के नाम से लक्जरी हॉस्पिटैलिटी चेन शुरू की। फ़रवरी, 2013 में उन्होंने होटल लीलावेंचर के चेयरमैन पद से इस्तीफ़ा देकर कारोबार की कमान अपने बेटों विवेक और दिनेश नायर को सौंप दी थी।[1]
- वर्ष 1922 में केरल के कन्नूर में जन्में सी. पी. कृष्णन नायर ने 1985 में 'लीला समूह' की स्थापना की थी। इस समय वे 63 वर्ष के थे। दो साल बाद उनकी पत्नी लीला के नाम से पहला होटल शुरू किया गया था।
- कृष्णन नायर के परिवार में उनकी पत्नी लीला और दो बेटे हैं। उनके बेटे विवेक 28 साल पुरानी होटल श्रृंखला के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, जबकि दिनेश उपाध्यक्ष हैं।
- सी. पी. कृष्णन नायर जन्म से ही विद्रोही स्वभाव के थे और 13 वर्ष की उम्र में स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे।
- भारतीय सेना में एक कैप्टन के तौर पर सी. पी. कृष्णन नायर ने अपना करियर शुरू किया था। उनकी पहली पोस्टिंग एबटाबाद (पाकिस्तान) में वायरलैस ऑफिसर के रूप में हुई थी और उनका काम दो मुख्य धुरी ताकतों जर्मनी और जापान के बीच संदेशों को पकडऩा था।
- वर्ष 1952 में उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया और आर्मी कमांडर जनरल के एडीसी व प्रिंसिपल ऑफिसर बन गए, लेकिन बाद में उन्होंने आर्मी को पूरी तरह अलविदा कहते हुए अपने ससुर की टेक्सटाइल इंडस्ट्री जॉइन कर ली।[2]
- वर्ष 1957 में नायर ने अपनी पत्नी के नाम पर 'लीला लेस लिमिटेड' कंपनी की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने अस्सी के दशक में विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप 'लीला ग्रुप ऑफ होटल्स' की नींव रखी।
- नायर ने 'ऑल इंडिया हैंडलूम बोर्ड' की स्थापना और हैंडलूम को विश्व स्तरीय बनाने में मदद की थी।
- उन्हें भारत से सबसे अधिक कपड़ा निर्यात करने के लिए 'भारत सरकार' ने सम्मानित किया था। 'पद्म भूषण' से सम्मानित नायर को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं।
- कैप्टन नायर के नाम से विख्यात सी. पी. कृष्णन कंपनी के मानद चेयरमैन बने रहे थे। असाधारण उद्यमी, दूरद्रष्टाव पर्यावरण प्रेमी के रूप में भी वे माने जाते थे। पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के लिए उन्हें 'संयुक्त राष्ट्र एनवायर्नमेंट प्रोग्राम' के तहत ग्लोबल 500 लॉरेट रोल ऑफ़ ऑनर से नवाजा गया था।
- कैप्टन नायर वामपंथी विचारधारा से संचालित केरल प्रदेश से थे, जिसके मूल्य लक्जरी अपनाने की इजाजत नहीं देते। फिर भी उन्होंने विश्वस्तरीय लक्जरी होटल तैयार किए। उन्होंने भारत में कई लक्जरी होटल बनाए और आज उदयपुर व बेंगलुरु जैसे शहरों में स्थापित उनके लीला पैलेस की गिनती दुनिया के सर्वाधिक भव्य होटलों में होती है।
- 90 वर्ष की उम्र में भी वे अपने होटलों में जाकर यह चेक करते थे कि उनमें मौजूद तमाम सुविधाएं उत्कृष्ट और विश्वस्तरीय मानकों के मुताबिक़ हैं या नहीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ होटल लीला के संस्थापक का निधन (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 मई, 2014।
- ↑ दैनिक भास्कर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 मई, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
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