खनिज (अंग्रेज़ी:Mineral) प्रकृति में पाया जाने वाला वह पदार्थ जिसमें मुख्यतः एक रासायनिक अवयव (तत्त्व या यौगिक) उपस्थित रहता है।
भारत में खनिज संपदा
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत में खनिजों के उत्पादन में निरन्तर वृद्धि हुई है। कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट आदि का उत्पादन निरंतर बढ़ा है। 1951 में सिर्फ़ 83 करोड़ रुपये के खनिजों का खनन हुआ था, परन्तु 1970-71 में इनकी मात्रा बढ़कर 490 करोड़ रुपये हो गई। अगले 20 वर्षों में खनिजों के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। 2001-02 में निकाले गये खनिजों का कुल मूल्य 58,516.36 करोड़ रुपये तक पहुँच गया जबकि 2005-06 के दौरान कुल 75,121.61 करोड़ रुपये मूल्य के खनिजों का उत्पादन किया गया। यदि मात्रा की दृष्टि से देखा जाये, तो भारत में खनिजों की मात्रा में लगभग तिगुनी वृद्धि हुई है, उसका 50% भाग सिर्फ़ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के कारण तथा 40% कोयला के कारण हुआ है। अन्य शब्दों में 2005-06 में कुल खनिज मूल्य (75,121.61 करोड़ रु) में से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से 26,851.31 करोड़ रुपये तथा कोयला और लिग्नाइट से 29,560.75 करोड़ रुपये के मूल्य शामिल हैं। शेष 11,575.35 करोड़ रुपये मूल्य के अन्य धात्विक तथा अधात्विक खनिज थे।
कैल्सियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और सोडियम पाँच महत्त्वपूर्ण बुनियादी खनिज, शरीर के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। महत्त्वपूर्ण सूक्ष्म मात्रिक तत्व क्रोमियम, तांबा, आयोडिन, लोहा, मैंगनीज और जस्ता हैं। इसके अतिरिक्त सेलेनियम भी अच्छा स्वास्थ्य क़ायम रखने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अन्य सूक्ष्म मात्रिक तत्व जैसे गंधक, निकल, कोबाल्ट, फ़्लोरीन, ऑक्सीजन, कार्बन, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन की भी हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को क़ायम रखने में अपनी भूमिका है।[1]
खनिज संसाधन
खनिज सम्पदा की उपलब्धता की दृष्टि से भारत की गणना विश्व के खनिज संसाधन सम्पन्न देशों में की जाती है। चूंकि भारत की भूगर्भिक संरचना में प्राचीन दृढ़ भूखण्डों का योगदान है, अतः यहाँ लगभग सभी प्रकार के खनिजों की प्राप्ति होती है। एक तरफ यहाँ पर लोहा, मैंगनीज, टंग्स्टन, तांबा, सीसा, जस्ता, बॉक्साइट, सोना, चाँदी, इल्मेनाइट, बैराइट, मैग्नेसाइट, सिलेमैनाइट, टिन आदि धात्विक खनिज मिलते हैं, तो दूसरी तरफ अधात्विक खनिजों जैसे - अभ्रक, एसबेस्टस, पायराइट, नमक, जिप्सम, हीरा, काइनाइट, इमारती पत्थर, संगमरमर, चूना पत्थर, विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ आदि भी मिलते हैं। अणुशक्ति के खनिजों यथा - यूरेनियम, थोरियम, इल्मैनाइट, बेरिलियम, जिरकॉन, सुरमा, ग्रेफाइट आदि भी हमारे देश में यत्र-तत्र मिलते हैं। प्राकृतिक शक्ति साधनों में कोयला, खनिज तेल तथा प्राकृतिक गैस की भी प्राप्ति स्थलीय एवं अपतट क्षेत्रों में होती है।
महत्त्वपूर्ण खनिज
खनिज | अनुमानित भण्डार | प्राप्ति के क्षेत्र | विशेष बिन्दु |
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लोहा | 13 अरब टन | उड़ीसा (सोनाई, क्योंझर, मयूरभंज) झारखण्ड (सिंहभूम, हज़ारीबाग़ पलामू) |
देश में विश्व का सर्वाधिक अनुमानित भण्डार (सम्पूर्ण विश्व का लगभग 25% विद्यमान है)। झारखण्ड तथा उड़ीसा राज्यों से देश का लगभग 75% लोहा प्राप्त किया जाता है। |
मैंगनीज | 16.7 करोड़ टन | झारखण्ड (सिंहभूम) कर्नाटक (चीतलदुर्ग, तुमकुर, शिमोगा, किंमगलूर, उत्तरी कनारा, धारवाड़, बेलगाँव) |
मैंगनीज़ उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। उड़ीसा देश का सर्वाधिक मैंगनीज़ उत्पादन करने वाला राज्य है। |
अभ्रक | 1.09 लाख टन | बिहार (अभ्रक पेटी का विस्तार गया तथा मुंगेर ज़िलों में) झारखण्ड (हज़ारीबाग़ में) |
भारत में विश्व का सर्वाधिक अभ्रक है तथा यहाँ पर से विश्व उत्पादन का लगभग दो तिहाई अभ्रक प्राप्त किया जाता है। |
बॉक्साइट | 303.7 करोड़ टन | झारखण्ड (पलामू) गुजरात (खेड़ा) |
बॉक्साइट से एल्युमिनियम धातु की प्राप्ति होती है। भारत का विश्व में बॉक्साइट उत्पादन में तीसरा स्थान है। |
ताँबा | 67.41 करोड़ टन | झारखण्ड (सिंहभूम, हज़ारीबाग़) राजस्थान (खेतड़ी, झुंझुनू, भीलवाड़ा, अलवर, सिरोही) |
देश में ताँबा बहुत ही कम मात्रा में भण्डारित है। देश का लगभग ताँबा बिहार के सिंहभूम तथा हज़ारीबाग़ ज़िलों एवं राजस्थान की खेतड़ी खानों से प्राप्त किया जाता है। |
सोना | 176.9 लाख टन | कर्नाटक [2] | |
मैग्नेसाइट | 24.50 करोड़ टन | कर्नाटक (मैसूर तथा हासन) उत्तराखण्ड (अल्मोड़ा, चमोली तथा पिथौरागढ़) |
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कोयला | 2,0624 खरब टन | झारखण्ड तथा बंगाल की कोयला पेटी (रानीगंज, झरिया, गिरिडीह, बोकारो तथा करनपुरा) मध्य प्रदेश (सिंगरौली) |
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लिग्नाइट | 260 करोड़ टन | तमिलनाडु (नेबेली क्षेत्र), तमिलनाडु के अतिरिक्त राजस्थान (पल्लू क्षेत्र)
जम्मू कश्मीर (रियासी क्षेत्र) गुजरात तथा पाण्डिचेरी में भी लिग्नाइट के कुछ भण्डार मिलते हैं। |
देश में लिग्नाइट का सर्वाधिक भण्डार (लगभग 383 करोड़ टन) केवल तमिलनाडु राज्य में ही है। |
खनिज तेल | 620 करोड़ टन | इसकी प्राप्ति के प्रमुख क्षेत्र असम की ब्रह्मपुत्र घाटी तथा गुजरात राज्य में स्थित हैं। इनके अतिरिक्त त्रिपुरा, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, कच्छ क्षेत्र, आन्ध्र प्रदेश आदि में भी खनिज तेल का पता लगा है। पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र तथा गुजरात के अपतटीय क्षेत्र में भी तेल भण्डार स्थित हैं। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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