यूनिसेफ़
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विवरण | 'यूनिसेफ़' बच्चों के लिये किये जाने वाले कल्याणकारी कार्यों तथा उनकी स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बंधित प्रमुख कोष है। |
पूरा नाम | संयुक्त राष्ट्र बाल कोष |
स्थापना | 11 दिसम्बर, 1946 |
मुख्यालय | न्यूयॉर्क शहर |
संबंधित लेख | संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र महासभा, विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद |
अन्य जानकारी | यूनीसेफ़ 190 से अधिक देशों में बच्चों को शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य सम्बंधी सहायता देता है। यह रोग परियोजनाओं के लिए भी आपूर्ति उपलब्ध कराता है। इसके 120 से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और 190 से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। |
अद्यतन | 03:58, 20 दिसम्बर-2016 (IST) |
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (अंग्रेज़ी: United Nations Children's Fund लघुरूप- UNICEF) जिसे मुख्य रूप से 'यूनिसेफ़' के नाम से जाना जाता है, बाल स्वास्थ्य तथा उनकी कल्याण सेवाओं से सम्बंधित कोष है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है। इस कोष का उद्देश्य अल्पविकसित देशों में स्थायी बाल स्वास्थ्य व कल्याण सेवाओं की स्थापना के लिए सहायता प्रदान करना है। यूनीसेफ़ 190 से अधिक देशों में बच्चों को शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य सम्बंधी सहायता देता है। यह रोग परियोजनाओं के लिए भी आपूर्ति उपलब्ध कराता है। यह शैक्षिक एवं स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में रोजगार हेतु लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करता है।
स्थापना
यूनिसेफ़ की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर, 1946 को की थी। 1953 में यूनीसेफ़, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया। उस समय इसका नाम 'यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड' की जगह 'यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड' कर दिया गया। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।
दायित्व
यूनीसेफ़ के 120 से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और 190 से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। यूनीसेफ़ फंड एकत्रित करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट और टीमों की भी सहायता लेता है। यूनीसेफ़ का सप्लाई प्रभाग कार्यालय कोपनहेगन, डेनमार्क में है। यह कुछ महत्वपूर्ण सामान, जैसे- जीवन रक्षक टीके, एचआईवी पीड़ित बच्चों व उनकी माताओं के लिए दवा, कुपोषण के उपचार के लिए दवाइयां, आकस्मिक आश्रय आदि के वितरण की प्राथमिक जगह होती है। 36 सदस्यों का कार्यकारी दल यूनीसेफ़ के कामों की देखरेख करता है। यह नीतियाँ बनाता है और साथ ही यह वित्तीय और प्रशासनिक योजनाओं से जुड़े कार्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान करता है।
यूनीसेफ़ पूरी तरह से स्वैच्छिक योगदानों पर निर्भर रहता है। इसकी तीन-चौथाई आय विभिन्न सरकारों से आती है, जबकि शेष वित्त, बधाई-पत्रों की बिक्री एवं अन्य कोष एकत्रण अभियानों के माध्यम से, संगठनों और व्यक्तियों से प्राप्त होता है। वर्तमान में यूनीसेफ़ द्वारा विकासशील एवं अल्पविकसित देशों में बच्चों व माताओं के जीवन की गुणवत्ता सुधारने हेतु अनेक विकासात्मक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। मौखिक पुनर्जलीकरण उपचार, रोगों के विरुद्ध बचों का टीकाकरण, स्तनपान को प्रोत्साहन तथा बाल वृद्धि सरणियों का नियोजन- ये 4 रणनीतियां बल स्वास्थ्य व् पोषण में सुधार लेन के लिए अपनायी गयी हैं। यूनीसेफ़ विश्व में टीकों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है तथा यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर कार्य करता है। यूनीसेफ़ के प्रोत्साहन स्वरूप 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा बाल अधिकारों पर संधि को स्वीकार किया गया। यह संधि 1990 से लागू हुई। यूनीसेफ़ बच्चों की सुरक्षा एवं विकास की दिशा में कार्य करने के लिए राष्ट्रों को प्रतिबद्ध करने हेतु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भी ओयोजित करता है।[1]
पुरस्कार
यूनीसेफ़ को 1965 में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के 'नोबेल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। 1989 में संगठन को 'इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार' भी प्रदान किया गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (हिन्दी) vivacepanorama.com। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2016।