"अनन्तकीर्ति": अवतरणों में अंतर
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*इन दोनों विद्वत्तापूर्ण रचनाओं से आचार्य अनन्तकीर्ति का पाण्डित्य एवं तर्कशैली अनुपमेय प्रतीत होती है। | *इन दोनों विद्वत्तापूर्ण रचनाओं से आचार्य अनन्तकीर्ति का पाण्डित्य एवं तर्कशैली अनुपमेय प्रतीत होती है। | ||
*इनकी एक रचना 'स्वत: प्रामाण्यभंग' भी है, जो अनुपलब्ध है। | *इनकी एक रचना 'स्वत: प्रामाण्यभंग' भी है, जो अनुपलब्ध है। | ||
*इसका उल्लेख अनन्तवीर्य (प्रथम) ने किया है। | *इसका उल्लेख अनन्तवीर्य (प्रथम) ने किया है। | ||
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12:02, 14 जून 2011 के समय का अवतरण
- इनका समय विक्रम संवत 9वीं शती है।
- इन्होंने 'बृहत्सर्वज्ञसिद्धि' और 'लघुसर्वज्ञसिद्धि' ये दो तर्कग्रन्थ रचे हैं और दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं।
- इन दोनों विद्वत्तापूर्ण रचनाओं से आचार्य अनन्तकीर्ति का पाण्डित्य एवं तर्कशैली अनुपमेय प्रतीत होती है।
- इनकी एक रचना 'स्वत: प्रामाण्यभंग' भी है, जो अनुपलब्ध है।
- इसका उल्लेख अनन्तवीर्य (प्रथम) ने किया है।