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*इसके कुछ दिन बाद ही एक दिन बिजली गिरने से मीरन की भी मृत्यु हो गयी।
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09:19, 4 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

मीरन बंगाल के नवाब मीर ज़ाफ़र (1757-1760 ई.) का पुत्र तथा भावी उत्तराधिकारी था।

  • मीर ज़ाफ़र ने 10 जून, 1757 ई. को अंग्रेज़ों से एक गुप्त सन्धि कर ली थी।
  • 23 जून, 1757 ई. को नवाब सिराजुद्दौला तथा अंग्रेज़ों के बीच 'प्लासी का युद्ध' हुआ।
  • इस युद्ध में मीर ज़ाफ़र ने अपने स्वामी सिराजुद्दौला की कोई मदद नहीं की।
  • नवाब सिराजुद्दौला युद्ध में हारने के बाद भाग निकला।
  • मीर ज़ाफ़र के पुत्र मीरन ने उसका पीछा करके उसे गिरफ़्तार कर लिया।
  • नवाब को मुर्शिदाबाद वापस लाकर 1757 ई. में मीरन ने उसकी हत्या कर दी।
  • इसके कुछ दिन बाद ही एक दिन बिजली गिरने से मीरन की भी मृत्यु हो गयी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 367 |


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