"वीर बल्लाल तृतीय": अवतरणों में अंतर
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'''वीर बल्लाल तृतीय''' [[होयसल वंश]] का अंतिम राजा था। [[देवगिरि का यादव वंश|देवगिरि के यादवों]] के समान ही होयसालों की स्वतंत्र सत्ता का अन्त भी [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] के द्वारा ही हुआ। | |||
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* | *अलाउद्दीन के वापस लौट जाने पर बल्लाल ने भी [[अफ़ग़ान]] सरदार का जुआ उतार फैंकने का प्रयत्न किया, यद्यपि इसमें वह सफल नहीं हो सका। | ||
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07:19, 16 मई 2012 के समय का अवतरण
वीर बल्लाल तृतीय होयसल वंश का अंतिम राजा था। देवगिरि के यादवों के समान ही होयसालों की स्वतंत्र सत्ता का अन्त भी अलाउद्दीन ख़िलजी के द्वारा ही हुआ।
- 1310 ई. में सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलजी के सेनापति मलिक काफ़ूर ने दक्षिण भारत की विजय करते हुए द्वारसमुद्र पर भी आक्रमण किया और उसे जीत लिया।
- वीर बल्लाल तृतीय को क़ैद करके दिल्ली ले जाया गया और उसने अलाउद्दीन ख़िलजी का वशवर्ती और करद होना स्वीकार कर लिया।
- अलाउद्दीन के वापस लौट जाने पर बल्लाल ने भी अफ़ग़ान सरदार का जुआ उतार फैंकने का प्रयत्न किया, यद्यपि इसमें वह सफल नहीं हो सका।
- सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलजी ने अंत में 1326 ई. में होयसल वंश का अंत कर दिया।
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