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'''ऊसर मिट्टी''' प्राय: वह होती है, जो [[कृषि]] योग्य नहीं होती। यह मिट्टी खेती करने योग्य नही होती, क्योंकि यह अनुपजाऊ होती है। किंतु आधुनिक समय में [[जिप्सम]] के प्रयोग द्वारा इसे पुन: उपजाऊ बनाया जा सकता है।
'''ऊसर मिट्टी''' प्राय: वह होती है, जो [[कृषि]] योग्य नहीं होती। यह मिट्टी खेती करने योग्य नहीं होती, क्योंकि यह अनुपजाऊ होती है। किंतु आधुनिक समय में [[जिप्सम]] के प्रयोग द्वारा इसे पुन: उपजाऊ बनाया जा सकता है।
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*इसमें [[सोडियम]], [[पोटेशियम]] एवं [[मैग्नीशियम]] अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
*[[धान]] के पुवाल गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करके ऊसर भूमि में उर्वरा शक्ति पैदा की जा सकती है।
*[[धान]] के पुवाल गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करके ऊसर भूमि में उर्वरा शक्ति पैदा की जा सकती है।
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08:39, 26 मई 2012 के समय का अवतरण

ऊसर मिट्टी प्राय: वह होती है, जो कृषि योग्य नहीं होती। यह मिट्टी खेती करने योग्य नहीं होती, क्योंकि यह अनुपजाऊ होती है। किंतु आधुनिक समय में जिप्सम के प्रयोग द्वारा इसे पुन: उपजाऊ बनाया जा सकता है।

  • इसमें सोडियम, पोटेशियम एवं मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
  • धान के पुवाल गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करके ऊसर भूमि में उर्वरा शक्ति पैदा की जा सकती है।
  • ऊसर मिट्टी का पी.एच. मान 8.5 से ज़्यादा होता है।
  • इस मिट्टी में विनिमयशील सोडियम की मात्रा 15 प्रतिशत से अधिक होती है।
  • ऐसी भूमि में गर्मियों के दिनों में ऊपरी सतह पर सफ़ेद पर्त बन जाती है।
  • यह सफ़ेद पर्त प्राय: सोडियमके कार्बोनेट तथा बाईकार्बोनेट के लवण होते हैं।

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